पिछले दिनों इंग्लैंड के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करने वाले लेफ्टआर्म स्पिनर अक्षर पटेल (Axar Patel) ने इंग्लिश बल्लेबाजों की बड़ी खामी का जिक्र किया है. और यह बात बताती है कि पिछले दिनों मोंटी पनेसर (Monty Panesar) ने जो कहा है, वह भारत के आगामी दौरे में सच साबित हो सकता है. अक्षर पटेल (Axar Patel) ने कहा है कि इंग्लैंड के बल्लेबाज उनका हाथ देखकर गेंदों को नहीं पढ़ पाते और इसकी काट के लिए वे सिर्फ स्वीव और रिवर्स स्वीप का सहारा लेते हैं. याद दिला दें कि अक्षर पटेल अगले महीने न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले जाने वाले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (WTC Final) के अलावा उस टीम का भी हिस्सा हैं, जो इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैच खेलेगी. पिछले दिनों घर में खेली गयी सीरीज में अक्षर ने इंग्लैंड के खिलाफ 27 विकेट चटकाए थे और एक बार फिर से उन पर नजरें रहेंगी.
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एक अखबार से बातचीत में अक्षर ने कहा कि अगर कोई गेंदबाज स्टंप-टू-स्टंप बॉलिंग करता है, तो अंग्रेज बल्लेबाजों के लिए खासी मुश्किल होती है. और अगर गेंद ऑफ या लेग स्टंप के बाहर हो, तो वे स्वीप खेलने जाते हैं. इंग्लिश बल्लेबाज पिछली सीरीज में मेरा हाथ देखकर गेंद नहीं समझ पाए कि कौन सी गेंद है. वास्तव में वे गेंद की पिच (टप्पा खाने की जगह) तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे.
पटेल ने कहा कि पिछले कुछ सालों में जडेजा और अश्विन के शानदार प्रदर्श के कारण उन्हें भारतीय टीम में जगह नहीं मिली. हालांकि, वह खुद में कोई कमी महसूस नहीं कर रहे थे. इस लेफ्टी स्पिनर ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि मेरे में कोई कमी थी. दुर्भाग्यवश मैं चोटिल हो गया और मैंने वनडे में अपनी जगह गंवा दी. टेस्ट में जडेजा और अश्वि बेहतर कर रहे थे. और किसी भी लेफ्टी स्पिनर के लिए जगह बनाना मुश्किल काम था. कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव और चहल अच्छा कर हे थे. यह टीम का संयोजन था, जिसके कारण मैं बाहर रहा. जब मुझे मौका मिला, तो मैंने खुद को साबित करने की कोशिश की.
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पटेल ने कहा कि अवसर न मिलने के बावजूद वह कभी हताश नहीं हुए क्योंकि वह मैनेजमेंट की योजनाओं में शामिल नहीं थे. मैं जानता था कि मुझे मौके भुनाने होंगे और जब मुझे मौका मिला, तो मैंने इन्हें भुनाया. पटेल बोले कि मैं आसानी से हताश नहीं होता. जब मैं योजनाओं का हिस्सा नहीं था, तो मैं भारत ए टीम में था. यहां केवल मौकों को भुनाने भर की थी. हां ऐसे दिन थे, जब मैं हताश होता था. यह वह समय था जब मैं अच्छा कर रहा था, लेकिन मुझे मौके नहीं मिले रहे थे.
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