Jasprit Bumrah shows his class: ऑस्ट्रेलिया में खेली जा रही बॉर्डर-गास्कर ट्रॉफी (Gavaskar-border series) में टीम इंडिया की स्थिति फिलहाल भले ही डांवाडोल दिख रही हो, भले ही टीम रोहित (Rohit Sharma) के WTC Final के आसार खासे मुश्किल हो चले हों, लेकिन इसके बावजूद भारत की ओर से जो बहुत बड़ी बात देखने को मिली है, वह है जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) का कंगारू बल्लेबाजों को बहुत हद तक पंगू बना देना. इसमें अगर ट्रेविस हेड (Travid Head) को छोड़ दें, तो पूरी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी पर बुमराह की दहशत का ्सर साफ देखा जा सकता है. सीरीज में अभी तक भारतीय पेसर का तूफानी प्रदर्शन साफ-साफ यह बयां कर रहा है. तीन टेस्ट मैचों में ही बुमराह ने कई रिकॉर्ड अपनी झोली में डाले हैं, लेकिन एक उपलब्धि जो उन्होंने हासिल की है, वह उन्हें इस दौर का सबसे बेहतरीन गेंदबाज बताने के लिए काफी है. वास्तव में, अगर बुमराह को दूसरे छोर से मदद मिलती, तो निश्चित रूप से टीम इंडिया के अभी तक के सफर की तस्वीर अलग ही होती.
जस्सी जैसा कोई नहीं, 93 साल पहले हुआ ऐसा
इसमें दो राय नहीं कि अभी तक सीरीज में जसप्रीत एक छोर पर अकेले पड़ गए. लेकिन दूसरे छोर से मदद न मिलने का असर उन पर दिखाई नहीं पड़ा. अभी तक (तीसरे टेस्ट) तक बुमराह ने 10.90 के औसत से 21 विकेट चटकाए हैं. बुमराह का प्रभुत्व इतना प्रचंड रहा है कि उनसे पहले केवल एक ही बार ऐसा हुआ है, जब किसी गेंदबाज ने ऑस्ट्रेलिया, घरेलू जमी या कहीं ओर जस्सी से बेहतर औसत के साथ उनसे ज्यादा विकेट चटकाए. और ऐसा 93 साल पहले हुआ था. तब यह कारनामा ऑस्ट्रेलिया के ही पूर्व लेफ्ट-आर्म स्पिनर हरबर्टन इरनोमोंगर ने साल 1991 में किया था. तब इस पूर्व पेसर ने 9.54 का औसत निकाला था. और साल 1931 के बाद अब इतना बेहतर औसत सिर्फ और सिर्फ बुमराह ने निकाला है.
असर के आगे छिप गया सिराज का यह पहलू
वास्तव में बुमराह का यह प्रभुत्व भारत के खिलाफ ही जाता दिख रहा है. इस कारनामे ने टीम इंडिया के अटैक के वास्तविक आक्रमण को कहीं खराब दिखाने का काम किया है. हालांकि, वास्तव में ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, लेकिन बुमराह के प्रदर्शन का असर इतना ऊंचा है कि भारतीय ही नहीं, बल्कि कंगारू पेसर भी छिपे-छिपे से दिख रहे हैं. उदाहरण के तौर पर मोहम्मद सिराज ने इस सीरीड में अभी तक (तीसरा टेस्ट) तक 23.92 के औसत से 13 विकेट चटकाए हैं. भारतीय पेसर कमिंस और स्टार्क से एक ही विकेट पीछे हैं. कमिंस के मुकाबले उनका औसत बेहतर है, लेकिन स्टॉर्क से वह पिछड़े हुए हैं. इन तीनों ही गेंदबाजों ने मिलकर अभी तक हर 38 गेंद के बाद विकेट चटकाया है. यह तीन या इससे ज्यादा टेस्ट मैचों की सीरीज में सिराज का सर्वश्रेष्ठ औसत है, लेकिन बुमराह का असर इतना ज्यादा रहा है कि यह पहलू गायब सा हो गया है.