ब्रिस्बेन टेस्ट ड्रॉ छूटने के बाद ऑस्ट्रेलिया में खेले जा रही गावस्कर-बॉर्डर ट्रॉफी (Gavaskar-Border trophy) बहुत ही निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है. खासौर पर टीम रोहित (Rohit Sharma) के लिए क्योंकि अगर MCG में भारत हारता है, तो उसका WTC Final खेलने का सपना लगभग खत्म हो जाएगा. बारिश की कृपा से ड्रॉ छूटे तीसरे टेस्ट में भारत के कई चिंताजनक पहलुओं को सामने ला दिया. और अब महान गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने उन फैसलों पर रोशनी डाली है, जो सनी के हिसाब से भारतीय प्रबंधन को लेने ही चाहिए.
एक बड़ा शून्य रविचंद्रन अश्विन के अचानक ही संन्यास लेने दिखाई पड़ रहा है. दिग्गज ऑफ स्पिनर की अनुपस्थिति ने टीम के सामने अश्विन जैसे कौशल और रणनीति को लेकर सवाल खड़ा कर दिया है. युवा ऑलराउंडर तनुष कोटियान को अश्विन की जगह बुलाया जरूर गया है, लेकिन उनकी भूमिका साथियों को अभ्यास कराने से ज्यादा नहीं दिखती, तो वहीं सवाल इलेवन में नितीश रेड्डी को लेकर भी उठने लगे हैं.
चल रही चर्चा का गावस्कर ने जोरदार विरोध करते हुए कहा, "प्रबंधन नितीश को ड्रॉप नहीं कर सकता.वह चौथे सीमर हैं. मुझे नहीं लगता कि भारत इलेवन में दो पेसर और नितीश के संयोजन को वहन कर सकता है. यह सही है कि नाजुक मोड़ पर नितीश ने बल्ले से दम दिखाया है, लेकिन बॉलिंग में उन्होंने निराश किया है. लेकिन गावस्कर ने कहा कि उनकी अहम विकेट चटकाने की काबिलियत और बल्ले के साथ अहम योगदान टीम के संतुलन में उनके चयन को बहत ही अहम बनाता है.
भारतीय पेस अटैक भी चर्चा का विषय रहा है. गाबा में फॉलोऑन बचाने वाले आकाश दीप एमसीजी में खेल सकते हैं. गावस्कर ने उन्हें हर्षित राणा से रिप्लेस करने की बात खारिज करते हुए कहा, "इस बात की संभावना बहुत ही कम है कि हर्षित लंबू पेसर आकाश दीप की जगह खेल सकते हैं. आप ऐसे खिलाड़ी को इलेवन से बाहर क्यों करेंगे, जिसने आपको फॉलोऑन से बचाया"