मेजबान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुक्रवार से शुरू हुए दूसरे टेस्ट के पहले दिन का खेल एक बार फिर से बता गया कि टीम इंडिया से पिंक-बॉल का भूत अभी पूरी तरह से छूटा नहीं है. खासतौर पर पिछले मैच में नाकाम रहे कंगारू लेफ्टी पेसर मिचेल स्टॉर्क ने छह विकेट चटकाकर गुलाबी गेंद से भारतीय बल्लेबाजों के चेहरे पीले कर दिए. और इसमें भी सबसे ज्यादा चर्चा रही उनके भारतीय पारी के दौरान पही ही गेंद पर चटकाए गए यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal's duck) की, जो उम्मीदों पर बुरी तरह नाकाम रहे.
भारतीय पारी खत्म होने के बाद स्टार-स्पोर्ट्स से बातचीत में स्टॉर्क से जब पूछा गया कि क्या उन्होंने जायसवाल को पहले ही गेंद पर आउट करने के बारे में सोचा था? इस पर इस पेसर ने कहा, "मैं नहीं जानता. मैं नहीं कह सकता. ऐसा महसूस हुआ कि गेंद हाथ से अच्छी छूट रही थी".वहीं स्टॉर्क ने पिछले मैच के बारे में भी कहा कि हम पर्थ में उतना खराब नहीं खेले. टीम इंडिया हमसें बेहतर खेली थी."
मौसम के बारे में लेफ्टी पेसर ने कहा, "वास्तव में मौसम ज्यादा नहीं बदला. वास्तव में मैच दर मैच ज्यादा चीजें बदलतीं, लेकिन हमने यहां अच्छी शुरुआत की. मौसम ने ज्यादा मदद नहीं की. आखिर में मेरी मांसपेशी में थोड़ा खिंचाव महसूस हुआ. पिंक बॉल ने भी टुकटों में काम किया. शुरुआत में इसने ज्यादा काम नहीं किया, लेकिन बाद में इससे अच्छी सफलता मिली", लेफ्टी पेसर बोले कि मैच के पहले दिन आप पिच पर थोड़ी घास की उम्मीद करते हैं. हो सकता है कि मौसम के साथ हमने थोड़ी देर बाद इसे सूखा कर दिया. लेकिन शुरुआती घंटे को छोड़ दें, तो बाकी समय हमने गेंदबाजी में अच्छा प्रदर्शन किया"