खेली जारी चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy 2025) में शनिवार को लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड (Aus vs Eng) के बीच खेले गए मुकाबले ने तूफानी मैसेज दे दिया. संदेश साफ है कि जहां पाकिस्तान की जमीं पर खेले जाने वाले मैच हाई स्कोरिंग होंगे, तो दुबई में तस्वीर उलट होगी! इंग्लैंड द्वारा खड़े किए गए 352 रनों का पीछा करते हुए जोश इंग्लिस (Josh English) ने ऐसा नाबाद तूफानी शतक (नाबाद 120 रन, 86 गेंद, 8 चौके, छक्के) ने पहली पाली में बल्ले से आग उगलने वाले लेफ्टी बेन डकेट (165 रन, 143 गेंद,क 17 चौके,3 छक्के) की एक मैराथन पारी पर पानी फेर दिया. जोश इंग्लिस की पारी फैंस और पंडितों के बीच चर्चा का विषय बन गई. और इस पारी में इंग्लिस ने चैंपियंस ट्रॉफी में सबसे तेज शतक बनाने के मामले में वीरेंद्र सहवाग के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली.
वीरू ने किया 23 साल पहले कारनामा
वीरेंद्र सहवाग ने साल 2002 में श्रीलंका में खेले गए संस्करण में इंग्लैंड के खिलाफ 77 गेंदों पर शतक जड़ा था. और अब करीब 23 साल बाद इंग्लिस ने सहवाग के कारनामे की बराबरी करते हुए इतनी ही गेंदों पर शतक जड़कर चैंपियंस ट्रॉफी में सबसे तेज शतक जड़ने के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली. इन दोनों के बाद शिखर धवन का नंबर है जिन्होंनें साल 2013 में कार्डिफ में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 80 गेंदों पर शतक जड़ा था, तो साल 2009 में सेंचुरियन में श्रीलंका के तिलकरत्ने दिलशान ने 87 गेंदों पर सेंचुरी जड़ी थी. और वह चौथे नंबर पर हैं.
जोश इंग्लिश की पारी ने छीन लिया मैच
कंगारुओं ने अभियान का बहुत ही शानदार आगाज करते हुए इंग्लैंड को लाहौर में 5 विकेट से हरा दिया. इंग्लैंड से जीत के लिए मिले 352 रनों के पहाड़ लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत बहुत ही खराब रही. और देखते ही देखते उसके दो बड़े बल्लेबाज ट्रैविस हेड (6) और स्टीव स्मिथ (5) दहाई का आंकड़ा छुए बिना ही पवेलियन लौट गए. मारनस लबुशेन (47) कुछ देर जरूर जमे, लेकिन पारी को बड़े स्कोर में तब्दील नहीं कर सके. बहरहाल, लबुशेन ने नाबाद शतकवीर जोस इंग्लिस (नाबाद 120 रन, 86 गेंद 8 चौके, 6 छक्के) के साथ तीसरे विकेट के लिए 95 रन जोड़कर अच्छा आधार जरूर खड़ा कर दिया. इसे बाद में जोश इंग्लिस ने तो आखिर तक जमकर भुनाया, तो वहीं उन्हें एलेक्स कैरी (69 रन, 63 गेंद, 8 चौके) और फिर ग्लेन मैक्सवेल (नाबाद 32 रन, 15 गेंद, 4 चौके, 2 छक्के) से अच्छा सहारा मिला. इससे ऑस्ट्रेलिया ने 15 गेंद बाकी रहते अपनी को जीत दिला दी. इंग्लैंड के लिए मार्क वुड, जोफ्रा आर्चर, ब्राइड कार्से, आदिल रशीद और लियम लिविंस्टोन ने एक-एक विकेट लिया.