आशुतोष और मोहित शर्मा ने मिलकर IPL में बनाया महारिकॉर्ड, 17 साल के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा

Ashutosh and Mohit Sharma break IPL record, आशुतोष ने कमाल की बल्लेबाजी की और 66 रन बनाकर नाबाद रहे, वहीं दूसरी ओर मोहित शर्मा ने 2 गेंद पर 1 रन बनाकर नाबाद रहे.

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Ashutosh and Mohit Sharma IPL record in IPL

Ashutosh and Mohit Sharma record: आशुतोष शर्मा (Ashutosh Sharma) और मोहित शर्मा (Mohit Sharma) ने मिलकर दिल्ली कैपिटल्स को ऐताहिसक जीत दिला दी. इस जीत में आशुतोष ने कमाल की बल्लेबाजी की और 66 रन बनाकर नाबाद रहे, वहीं दूसरी ओर मोहित शर्मा ने 2 गेंद पर 1 रन बनाकर नाबाद रहे. दोनों के बीच आखिरी विकेट के लिए नाबाद 19 रन की साझेदारी हुई जिसके काराण दिल्ली की टीम मैच जीतने में सफल रही. बता दें कि आशुतोष और मोहित ने मिलकर एक बड़ा रिकॉर्ड बना दिया है जो आईपीएल के इतिहास में इससे पहले कभी नहीं हुआ था.

आशुतोष और मोहित के बीच आखिरी विकेट के लिए 19 रनों की नाबाद साझेदारी हुई जो टूर्नामेंट के इतिहास में एक विकेट की जीत में सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड है. बता दें कि दिल्ली कैपिटल्स का नौंवा विकेट 192 रन पर गिरा था, तब ऐसा लग रहा था कि दिल्ली की टीम यह मैच हार जाएगी लेकिन आखिरकार किस्तम ने कैपिटल्स की टीम का साथ दिया. आखिरी ओवर की तीसरी गेंद पर आशुतोष ने छक्का लगाकर दिल्ली कैपिटल्स को यादगार जीत दिला दी. 

मोहित शर्मा ने बताया आखिरी ओवर में क्या बात हुई थी. 

दिल्ली कैपिटल्स की ओर से एक वीडियो शेयर किया गया है जिसमें मोहित उस आखिरी ओवर को लेकर बात करते हुए नजर आ रहे हैं. मोहित ने खुलासा किया है कि आखिरी ओवर से पहले उनकी और आशुतोष की क्या बातचीत हुई थी. मोहित ने कहा कि, मैंने आशुतोष को बोल दिया था, भाई एक बाल मैं तूझे दूंगा छक्का मार देगा? तब उसने कहा हां मैं मार दूंगा. तब फिर मैंने कहा कि, मैं तो फिर डॉट बॉल खेलने दें. "

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पूरे साल मैंने मैच फिनिश करने पर ध्यान केंद्रित किया: आशुतोष

मैच के बात आशुतोष ने कहा कि, उन्होंने पूरे साल मैच फिनिश कैसे करना है उसपर ध्यान केंद्रित किया किया था. आशुतोष ने पिछले साल पंजाब किंग्स की तरफ से खेलते हुए मैच फिनिशर की अपनी भूमिका से प्रभावित किया था लेकिन तब वह अपने प्रदर्शन से पूरी तरह संतुष्ट नहीं थे.

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आशुतोष ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘पिछले सत्र में मैं कुछ अवसरों पर मैच का सकारात्मक अंत करने से चूक गया था.  मैंने पूरे साल इस पर ध्यान केंद्रित किया और इसकी कल्पना भी करता रहा.  मुझे पूरा भरोसा था कि अगर मैं आखिरी ओवर तक टिका रहा तो फिर कुछ भी हो सकता है.' उन्होंने कहा, ‘‘‘विपराज ने बहुत अच्छी बल्लेबाजी की। मैंने उसे शॉट मारते रहने की सलाह दी। वह दबाव में शांत बना रहा.  मैं अपनी इस पारी को मेरे गुरु शिखर (धवन) पाजी को समर्पित करता हूं.''

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