- आकाशदीप ने अपने पहले इंग्लैंड दौरे को घरेलू मैदान जैसा सहज अनुभव बताया और महत्वपूर्ण प्रदर्शन किया.
- मुख्य कोच गौतम गंभीर ने आकाशदीप पर गहरा विश्वास जताते हुए उनसे समर्पण के साथ खेलने की प्रेरणा दी.
- शुभमन गिल की कप्तानी को आकाशदीप ने शांत स्वभाव वाला और अच्छे आइडिया वाला बताया जो टीम के लिए सहायक है.
Akash Deep on Gautam Gambhir: भारतीय तेज गेंदबाज आकाशदीप ने कहा कि उनका पहला इंग्लैंड दौरा काफी सहज रहा जहां एक कोच ने खुद से ज्यादा उन पर विश्वास किया, एक कप्तान ने मुश्किल समय में साथ दिया और माहौल घर जैसा था, जबकि परिस्थितियां विदेशी मैदान से ज्यादा घरेलू मैदान जैसी थी. आकाशदीप ने एक मैच में 10 विकेट और दूसरे में अर्धशतक लगाकर भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिससे वह रातों-रात स्टार बन गए लेकिन वह यह नहीं भूल सकते कि मुख्य कोच गौतम गंभीर ने ओवल में 66 रन बनाने के बाद उनसे क्या कहा था.
'गंभीर ने दिखाया विश्वास'
इस 29 वर्षीय खिलाड़ी ने पीटीआई से कहा,"गौतम भाई ने मुझसे कहा, तुमको खुद पता नहीं तुम क्या कर सकते हो. देखो, मैं तुमसे कह रहा था कि तुम यह कर सकते हो. तुम्हें हमेशा इसी समर्पण के साथ खेलना होगा." उन्होंने कहा,"गौतम भाई बहुत ही जुनूनी कोच हैं. वह हमेशा हमें प्रेरित करते हैं. वह मेरी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों पर मुझसे भी ज्यादा विश्वास करते हैं."
रोहित शर्मा के नेतृत्व में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने और अब शुभमन गिल के नेतृत्व में खेलने के बाद बंगाल के इस तेज गेंदबाज के लिए सामंजस्य बिठाना आसान रहा है. उन्होंने कहा कि नया कप्तान शांत स्वभाव का है लेकिन मैदान पर उनके पास कई तरह के आईडिया होते हैं.
'गिल एक अच्छे कप्तान'
शुभमन गिल की कप्तानी को लेकर बोलते हुए आकाश दीप ने कहा,"वह बहुत अच्छे कप्तान हैं. ऐसा नहीं है कि वह नए कप्तान हैं. वह पिछले कुछ वर्षों से आईपीएल में कप्तानी कर रहे हैं, जो एक बड़ा मंच है. यह अनुभव काफी मायने रखता है. जब एक कप्तान आपका समर्थन करता है और चीज़ों को अच्छी तरह समझता है तो इससे बहुत फ़र्क़ पड़ता है."
आकाश दीप ने कहा,"मैंने पिछले साल उनकी कप्तानी में दलीप ट्रॉफी खेली थी. वह एक शांत प्रकृति के खिलाड़ी हैं और उनके पास ढेर सारे आइडिया होते हैं. जब कोई शांत रहता है, तो इससे मैदान पर अच्छे फैसले लेने में मदद मिलती है."
चार मैचों में गेंद से मिला बहुत कम मूवमेंट
आकाशदीप का यह इंग्लैंड का पहला दौर था लेकिन उन्हें अधिकतर समय लगा कि वे उपमहाद्वीपीय पिचों पर खेल रहे हैं, जहां तेज गेंदबाजों के लिए बहुत कम मूवमेंट होता है.
उन्होंने कहा,"इंग्लैंड में हमने जो पांच टेस्ट मैच खेले, उनमें से चार में पिचें उन आम इंग्लिश विकेटों जैसी नहीं थीं जिनके बारे में हम वर्षों से सुनते या देखते आए हैं. गेंद कई बार ज़्यादा सीम या स्विंग नहीं कर रही थी और हमें भारतीय लेंथ के हिसाब से, फुल लेंथ पर गेंद डालनी थी. हमें यह सामंजस्य बिठाना पड़ा. अगर आपने काफी क्रिकेट खेली है तो फिर सामंजस्य से बिठाने में परेशानी नहीं होती."
इस तेज गेंदबाज ने कहा,"अभ्यास सत्र मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. मैं हमेशा मुख्य विपक्षी बल्लेबाज के बारे में सोचने की कोशिश करता हूं, जिसे मुझे गेंदबाजी करनी है."
'चोटों से बचा नहीं जा सकता'
अपनी फिटनेस के बारे में आकाशदीप ने कहा,"मैदान पर लगने वाली चोटों से बचा नहीं जा सकता. अगर आपको बाउंड्री बचाने के लिए डाइव लगानी पड़े, तो आपको ऐसा करना ही होगा. आप यह नहीं सोच सकते कि मेरा कंधा वगैरह चोटिल हो जाएगा. हां, अगर यह फिटनेस और ट्रेनिंग से जुड़ी चोटें हैं, तो हमारा लक्ष्य उन्हें जितना हो सके कम से कम रखना होता है."
'जब जरूरत पड़ेगी तो बुला लेंगे'
आकाशदीप ने अब तक 10 टेस्ट मैच खेले हैं और 28 विकेट लिए हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें सिर्फ़ खेल के लंबे प्रारूप के लिए ही चुना गया है, तो उन्होंने कहा कि उन्हें अभी तक कुछ ख़ास नहीं बताया गया है. उन्होंने कहा,"हम चयनकर्ताओं से यूं ही बात नहीं कर सकते. वे अनुभवी लोग हैं और जब उन्हें लगेगा कि किसी भी प्रारूप में उन्हें मेरी ज़रूरत है, तो वे मुझे बुला लेंगे. मेरा काम अच्छा प्रदर्शन करना और टीम में शामिल होने के लिए तैयार रहना है."
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