मुंबई शहर में अब तक सिर्फ़ 3,039 गर्भवती महिलाओं ने वैक्सीन की दोनों डोज़ ली हैं. मुंबई में सालाना 1.2 लाख से 1.5 लाख डिलीवरी होती हैं. ऐसे में तीन फ़ीसदी से भी कम गर्भवती माएं पूरी तरह वैक्सीनेट हुईं हैं. गर्भवती होते हुए कई महिलाओं ने कोविड से बचने का टीका नहीं लिया था. उन्हें कोरोना हुआ, उनका नवजात शिशु भी कोविड पॉज़िटिव पाया गया. माएं तो कुछ दिनों में ही रिकवर हो गईं लेकिन सांस की तकलीफ़ के चलते बच्चों को नौ दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा.
मुंबई में गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण का आंकड़ा चिंतित करता है. बीएमसी द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार जुलाई 2021 से अब तक गर्भवती महिलाओं को टीके की सिर्फ़ 5,754 खुराक दी गई हैं. इन खुराकों में से पहला डोज़ 2,715 को और दूसरा 3,039 गर्भवती महिलाओं को दिया गया. मुंबई में गर्भवती महिलाओं के लिए टीकाकरण 12 जुलाई, 2021 से शुरू हुआ था.
मुंबई में सालाना 1.2 लाख से 1.5 लाख महिलाओं की डिलीवरी होती है. गैर-कोविड वर्षों में 1.5 लाख की तुलना में मुंबई में 2020 और 2021 में करीब 1.2 लाख बच्चों के जन्म दर्ज किए गए. शहर में पूरी तरह से टीकाकरण वाली गर्भवती महिलाओं का प्रतिशत लगभग 2.5 ही है.
डॉक्टर बताते हैं कि करीब 1-2% अनवैक्सीनेटेड गर्भवती महिलाओं में वक्त से पहले डिलीवरी या गर्भपात जैसे मामले दिखे हैं. वैसे डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन लहर में ये समस्या कम दिखी. मदरहुड हॉस्पिटल की गायनकॉलाजिस्ट डॉ सुरभि सिद्धार्थ ने कहा कि ‘'हमारे यहाँ क़रीब 10% गर्भवती महिलाएं ऐसी आईं जिन्होंने टीका नहीं लिया था. खास तौर से वैसी महिलाएं जिन्होंने आईवीएफ़ करवाया या लम्बे समय बाद मां बनीं. वे रिस्क नहीं लेना चाह रही थीं. 1-2% अनवैक्सीनेटेड महिलाओं में समय से पहले डिलीवरी, वॉटरब्रेक या गर्भपात भी देखा गया.''
फ़ोर्टिस हीरानंदानी अस्पताल की गायनोकॉलाजिस्ट डॉ मंजरी मेहता ने कहा कि ‘'इस बार वैक्सीनेटेड या अनवैक्सीनेटेड महिलाओं की डिलीवरी में कुछ ख़ास फ़र्क़ हमने नहीं देखा है. वैसे हमारे पास लगभग सभी गर्भवती महिलाएं कम से कम एक टीका ले चुकी हैं.''
एक्स्पर्ट्स बताते रहे हैं कि प्रेग्नेंसी के समय महिलाओं की इम्युनिटी थोड़ी कमज़ोर हो जाती है, ऐसे में टीके की ज़रूरत बड़ी है.