दिल्ली नगर निगम में बुधवार की शाम को स्टैंडिंग कमेटी सदस्यों के चुनाव के लिए वोटिंग के दौरान जो हंगामा शुरू हुआ तो फिर देर रात तक खत्म नहीं हुआ. आम आदमी पार्टी ने रात करीब साढ़े नौ बजे घोषणा की कि चाहे आज रात हो, चाहे सुबह हो....स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव हुए बिना सदन की कार्यवाही स्थगित नहीं होगी. आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा, हम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों से बंधे हुए हैं चुनाव आज ही होगा. फिलहाल दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच टकराव जारी है. नगर निगम में अभी भी हंगामा चल रहा है, जिससे स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव अटका हुआ है.
स्टैंडिंग कमेटी सदस्यों के चुनाव के लिए जब वोटिंग हो रही थी तो बीजेपी ने इस बात पर आपत्ति जताई कि पार्षदों को वोटिंग के दौरान मोबाइल फोन क्यों ले जाने दिया जा रहा? बीजेपी का कहना है कि यह सीक्रेट वोटिंग का उल्लंघन है. इस बात को लेकर बीजेपी पार्षद कमलजीत सहरावत लगातार आपत्ति जता रही थीं.
वोटिंग के दौरान शोर-शराबा होने पर मेयर ने कहा कृपया सब शांति से बैठिए वरना बाहर कर दिया जाएगा. बीजेपी लगातार नारेबाजी करती रही. बीजेपी पार्षदों ने नारेबाजी की 'गुंडागर्दी बंद करो.' इसके बाद बीजेपी पार्षद वेल में आ गए.
बीजेपी के लगातार हंगामे के बाद मेयर ने उनकी यह मांग मान ली है कि वोटिंग के दौरान मोबाइल फोन ले जाने की इजाजत नहीं होगी. इसके बाद हंगामा बंद हुआ और बीजेपी पार्षद अपनी सीटों पर जाकर बैठ गए.
कुछ पार्षदों को वोट करने के लिए बैलेट पेपर दे दिए गए थे ताकि वे जाकर वोट डाल दें, लेकिन इसी दौरान बीजेपी पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया और वोटिंग रुक गई. जब हंगामा रुका तो मेयर ने कहा कि जो लोग बैलेट पेपर लेकर गए हैं वे उन्हें वापस करें तभी वोटिंग शुरू हो पाएगी.
बहुत देर तक मेयर ने अपील की कि बैलेट पेपर वापस दो. जब पार्षदों ने बैलट पेपर नहीं लौटाए तो उन लोगों के नाम लिए गए जिनके पास बैलट पेपर थे. उनसे कहा गया कि बैलेट पेपर वापस दो. इसी बात पर बीजेपी के पार्षद फिर से वेल में आ गए और हंगामा शुरू कर दिया.
गौरतलब है कि दिल्ली नगर निगम (MCD) के मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव हो गया है लेकिन खेल अभी खत्म नहीं हुआ है. नगर निगम में असली सरकार स्टैंडिंग कमेटी होती है और अभी स्टैंडिंग कमेटी के छह सदस्यों का चुनाव होना बाकी है. आम आदमी पार्टी ने चार सीटों पर उम्मीदवार उतारे हुए हैं और बीजेपी ने तीन सीटों पर, जबकि सीटें केवल छह ही हैं. ऐसे में दोनों पार्टियों में से किसी एक के उम्मीदवार की हार तय है.
बड़ी बात यह है कि बीजेपी को अपने सभी तीनों उम्मीदवारों को जिताने के लिए जितने वोट चाहिए, उसके पास उससे तीन वोट कम थे. लेकिन मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में जो वोटिंग का आंकड़ा आया है वह बता रहा है कि बीजेपी ने तीन पार्षद मैनेज कर लिए हैं.
इसका मतलब यह है कि सब कुछ अगर ऐसा ही रहा तो आम आदमी पार्टी को स्टैंडिंग कमेटी में एक सीट पर हार का सामना करना पड़ सकता है. अगर ऐसा हुआ तो आम आदमी पार्टी दिल्ली में चुनाव जीतकर भी स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में बीजेपी के साथ 3-3 सीटें जीतकर बराबरी पर दिखाई देगी. और यह बीजेपी के लिए किसी जीत से कम नहीं होगा, क्योंकि नगर निगम में असली सरकार ही स्टैंडिंग कमेटी होती है. ऐसा होने पर सारा ज़ोर जोन चुनाव पर जाएगा, जहां 12 सीटों पर बाद में चुनाव होंगे.