पूर्वी दिल्ली से बीजेपी के सांसद गौतम गंभीर बुधवार को दिल्ली नगर निगम हाउस में उप महापौर के चुनाव में मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए समय पर नहीं पहुंच सके. क्रिकेटर से सांसद बने गंभीर के एक सहयोगी ने बताया कि महापौर के चुनाव में वोट डालने के बाद बाद वे अपने एक संबंधी को देखने अस्पताल चले गए.
गौतम गंभीर के सहयोगी ने कहा, ‘‘उन्होंने नव निर्वाचित महापौर को अपनी स्थिति के बारे में बताया था और उप महापौर के चुनाव में वोटिंग में शामिल होने के लिए शाम साढ़े चार बजे तक का समय मांगा था. लेकिन जब वह अपने संबंधी से अस्पताल में मिल कर वापस लौटे तब तक वोटिंग का समय समाप्त हो चुका था.''
दिल्ली के सात लोकसभा और तीन राज्यसभा सदस्यों के साथ-साथ विधानसभा अध्यक्ष द्वारा नामित 14 विधायकों सहित निर्वाचित प्रतिनिधि, एमसीडी के विचार-विमर्श शाखा के पदाधिकारियों के चुनाव में मतदान कर सकते हैं.
उप महापौर के चुनाव के बाद जब स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया में देरी हुई, तो बीजेपी पार्षद शिखा राय ने कहा कि गौतम गंभीर को सिर्फ थोड़ी देर होने के कारण उनके मतदान के अधिकार से वंचित कर दिया गया और पूछा कि अब ऐसी जल्दी क्यों नहीं है.
राय ने नगरपालिका सचिव को बताया कि गौतम गंभीर ने अपना वोट डालने के लिए थोड़ा अतिरिक्त समय मांगा था, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई, जबकि स्थायी समिति के सदस्यों के लिए चुनाव कराने में ऐसी कोई तेजी नहीं दिखाई गई.