Koneru Humpy: शतरंज में भारत की बादशाहत, ग्रैंडमास्टर कोनेरू हंपी बनी रैपिड वर्ल्ड चेस चैंपियन

Grandmaster Koneru Humpy Rapid World Chess Champion: भारत की कोनेरू हंपी ने रविवार को यहां इंडोनेशिया की इरीन सुकंदर को हराकर ऐतिहासिक दूसरी बार विश्व रेपिड शतरंज चैंपियनशिप खिताब जीता.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
Koneru Humpy: ग्रैंडमास्टर कोनेरू हंपी बनी रैपिड वर्ल्ड चेस चैंपियन

भारत की कोनेरू हंपी ने रविवार को इंडोनेशिया की इरीन सुकंदर को हराकर ऐतिहासिक दूसरी बार विश्व रेपिड शतरंज चैंपियनशिप खिताब जीता. हंपी ने 2019 में जॉर्जिया में यह प्रतियोगिता जीती थी और भारत की नंबर एक महिला खिलाड़ी चीन की जू वेनजुन के बाद एक से अधिक बार यह खिताब जीतने वाली दूसरी खिलाड़ी हैं.

सैंतीस वर्षीय हंपी ने संभावित 11 में से 8.5 अंक के साथ टूर्नामेंट का अंत किया. ग्रैंडमास्टर कोनेरू हंपी 2002 में बनी दुनिया की सबसे युवा महिला ग्रैंडमास्टर बनी थीं. बता दें, भारत ने 2024 में शतरंज में किया क्लीन स्वीप-सा कारनामा किया है.

हंपी ने जीत दर्ज करने के बाद कहा,"मैं बहुत उत्साहित हूं और मुझे बहुत खुशी है. मुझे उम्मीद थी कि यह बहुत कठिन दिन होगा, किसी तरह के टाई-ब्रेक की तरह. लेकिन जब मैंने बाजी खत्म की, मुझे तब पता चला जब मध्यस्थ ने मुझे बताया और यह मेरे लिए एक तनावपूर्ण क्षण था."

काले मोहरों के साथ खेलने वाली इस भारतीय खिलाड़ी ने कहा,"यह काफी अप्रत्याशित है क्योंकि पूरे साल मैं संघर्ष करती रही हूं और कई टूर्नामेंट में प्रदर्शन काफी खराब था जहां मैं अंतिम स्थान पर रही. इसलिए यह मेरे लिए आश्चर्य की तरह है."

हंपी की उपलब्धि के साथ भारतीय शतरंज के लिए एक शानदार वर्ष का अंत हुआ. इससे पहले डी गुकेश हाल ही में सिंगापुर में क्लासिकल प्रारूप विश्व चैंपियनशिप में चीन के डिंग लिरेन को हराकर चैंपियन बने थे. सितंबर में भारत ने बुडापेस्ट में शतरंज ओलंपियाड में पहली बार ओपन और महिला वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था.

हंपी ने इस सफलता का श्रेय अपने परिवार को दिया. उन्होंने कहा,"मुझे लगता है कि यह मेरे परिवार के समर्थन की वजह से संभव हुआ. मेरे पति और मेरे माता-पिता...वे मेरा बहुत समर्थन करते हैं. जब मैं यात्रा करती हूं तो मेरे माता-पिता मेरी बेटी की देखभाल करते हैं."

Advertisement

हंपी ने कहा,"37 साल की उम्र में विश्व चैंपियन बनना आसान नहीं है. जब आपकी उम्र बढ़ती है तो उस प्रेरणा को बनाए रखना और जरूरत पड़ने पर चुस्त बने रहना काफी मुश्किल होता है. मुझे खुशी है कि मैं यह कर पाई."

अनुभवी हंपी ने स्वीकार किया कि पहले दौर की हार के बाद वह खिताब के बारे में नहीं सोच रही थीं. उन्होंने कहा,"मुझे लगता है कि पहले दौर की हार के बाद मैं खिताब के बारे में नहीं सोच रही थी लेकिन चीजें अच्छी हो गईं, खासकर कल लगातार चार बाजी जीतने से मुझे मदद मिली."

Advertisement

हालांकि हंपी को भारत और अमेरिका के बीच समय के बड़े अंतर के कारण खेल के बाहर भी कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा,"हां, बोर्ड के बाहर, समय के अंतर के कारण यह मेरे लिए बहुत मुश्किल था. नींद की कमी थी. मैं यहां आने के बाद से ठीक से सो नहीं पाई हूं. इसलिए खेलना आसान नहीं था लेकिन मुझे खुशी है कि मैं ऐसा करने में सफल रही."

हंपी ने विश्व रेपिड चैंपियनशिप में हमेशा उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. उन्होंने इस प्रतियोगिता में मॉस्को में 2012 में कांस्य जबकि पिछले साल उज्बेकिस्तान के समरकंद में रजत पदक जीता था.

Advertisement

हंपी ने कहा कि उनकी जीत अब अन्य भारतीयों को शतरंज खेलने के लिए प्रेरित करेगी. उन्होंने कहा,"मुझे लगता है कि भारत के लिए यह सही समय है. हमारे पास विश्व चैंपियन के रूप में गुकेश है और अब मुझे रेपिड प्रतियोगिता में दूसरा विश्व खिताब मिला है. इसलिए मुझे लगता है कि यह बहुत से युवाओं को पेशेवर रूप से शतरंज खेलने के लिए प्रेरित करेगी."

रूस के 18 वर्षीय वोलोडर मुर्जिन ने पुरुष वर्ग का खिताब जीता. नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव के बाद मुर्जिन दूसरे सबसे युवा फिडे विश्व रेपिड चैंपियन हैं. नोदिरबेक ने 17 वर्ष की उम्र में खिताब जीता था.

Advertisement

यह भी पढ़ें: जींस पहनकर आने पर विश्व चैम्पियन मैग्नस कार्लसन को किया गया टूर्नामेंट के हुए बाहर, जानें क्यों हुआ ऐसा

यह भी पढ़ें: Humpy Koneru: ये जीत ऐतिहासिक है... कोनेरू हम्पी ने विश्व रैपिड शतरंज खिताब जीतने पर पीएम मोदी ने दिया रिएक्शन

Featured Video Of The Day
Sambhal News: संभल मस्जिद का जिक्र कर PM Modi पर Asaduddin Owaisi ने पढ़ दिया ये शेर | Jama Masjid
Topics mentioned in this article