- भारत और पाकिस्तान के बीच महिला क्रिकेट मैचों में भारत का दबदबा है, पाकिस्तान ने टी20 में भी कम जीत हासिल की है
- महिला क्रिकेट में दोनों टीमों के प्रदर्शन में भारी अंतर है, जिससे पारंपरिक प्रतिद्वंद्विता कम नजर आती है
- पूर्व चयनकर्ता हेमलता काला ने कहा, मुकाबले में भारत का पलड़ा भारी है
India women vs Pakistan women: जज्बात का सैलाब, आसमान छूती टीवी रेटिंग और एक दूसरे से नहीं हारने की मन्नतें मांगते प्रशंसक - भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी क्रिकेट मैच में यह सब आम बात है.लेकिन महिला क्रिकेट में पारंपरिक प्रतिद्वंद्वियों के आमने-सामने होने पर इतनी नाटकीयता देखने को नहीं मिलती. कम से कम मैदान पर तो नहीं क्योंकि आम तौर पर ये मुकाबले एकतरफा भारत के पक्ष में ही रहते हैं. पाकिस्तान अभी तक भारत के खिलाफ 16 टी20 मैचों में तीन ही जीत सका है, लेकिन वनडे में 11 में से एक भी बार भारत को हरा नहीं पाया है. भारतीय महिला क्रिकेट की पूर्व मुख्य चयनकर्ता हेमलता काला ने कहा,‘यह क्रिकेट का खेल है और इसमे कुछ भी हो सकता है, लेकिन असल में यहां कोई मुकाबला ही नहीं है. आंकड़े देखिये, भारतीय टीम कभी पाकिस्तान से हारी नहीं है.' दोनों टीमों का जब भी आमना-सामना हुआ है, सरहद पार प्रशंसकों ने नया इतिहास रचे जाने की बात की है, लेकिन दोनों टीमों के प्रदर्शन में जमीन आसमान का फर्क है.
भारतीय महिला टीम का इतना दबदबा है कि प्रतिद्वंद्विता शब्द ही गलत लगता है. प्रतिद्वंद्विता बराबरी में होती है, एकतरफा मुकाबलों में नहीं जैसा कि पुरुष क्रिकेट में एशिया कप के दौरान भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने कहा था. हेमलता ने कहा,‘मैं इतना ही कहूंगी कि भारत का लक्ष्य सेमीफाइनल में पहुंचना होना चाहिए.'
दूसरी ओर, पाकिस्तान के लिये हर मुकाबला अस्तित्व का प्रश्न होता है और उसकी कोशिश यही रहती है कि प्रदर्शन में यह अंतर कम हो. दोनों टीमें रविवार को फिर आमने-सामने होंगी. इससे पहले पुरुष एशिया कप में काफी ड्रामा देखने को मिला है जिसमें चैंपियन भारत ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और एशियाई क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया था. नकवी ने भी ट्रॉफी देने से इनकार कर दिया और ट्रॉफी अपने साथ ले गए. अभी तक भारतीय टीम को ट्रॉफी मिली नहीं है.
पाकिस्तान टीम को पहले मैच में बांग्लादेश ने सात विकेट से हराया जबकि भारत ने श्रीलंका को 59 रन से मात दी. लिहाजा एक बार फिर मुकाबला एकतरफा रहने के आसार हैं. पहलगाम में अप्रैल में आतंकवादी हमले में 26 पर्यटकों की मौत के बाद से दोनों देशों के आपसी संबंध और खराब हुए हैं. भारत सरकार ने बहुदेशीय टूर्नामेंटों में पाकिस्तान के खिलाफ खेलने की अनुमति दे दी है लेकिन द्विपक्षीय खेल की नहीं. ऐसे में भारतीय महिला टीम भी पाकिस्तानी टीम से शायद हाथ नहीं मिलाएगी. मैदान पर भले ही यह मुकाबला रोचक नहीं हो, लेकिन दोनों टीमों के खिलाड़ियों के बीच हालिया तनाव को देखते हुए मैदान के बाहर का घटनाक्रम दिलचस्प हो सकता है.