दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) को निर्देश दिया है कि वो अपने एलएलबी पाठ्यक्रम में सभी श्रेणियों की खाली सीट को दो सप्ताह के भीतर भरे. आदेश में कहा गया है कि मेधावी विद्यार्थी उपलब्ध होने के बावजूद इस तरह के प्रतिष्ठित संस्थान में सीट यदि व्यर्थ चली जाएं तो यह उचित नहीं है. न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने पाठ्यक्रम में रिक्त सीट होने के बावजूद प्रवेश पाने में विफल रहे तीन उम्मीदवारों की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय याचिकाकर्ताओं सहित सभी योग्य उम्मीदवारों के बारे में उनकी योग्यता के अनुसार विचार करने के बाद सीट भरे और यदि जरूरी हो तो प्रवेश लेने वाले नए विद्यार्थियों के लिए अतिरिक्त कक्षाएं सुनिश्चित करे.
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न्यायाधीश ने कहा कि कई छात्रों के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से शिक्षा प्राप्त करना एक सपना होता है और प्रवेश परीक्षा पास करने वाले तीन याचिकाकर्ताओं को डिग्री हासिल करने के अवसर से वंचित नहीं किया जाना चाहिए.
अदालत ने तीन फरवरी के अपने आदेश में कहा कि मेधावी विद्यार्थी उपलब्ध होने के बावजूद दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में सीट यदि व्यर्थ चली जाएं तो यह उचित नहीं है.