UPSC Civil Services Exam 2020: सिविल सेवा परीक्षा में एक और मौका देने वाली याचिका पर हुई सुनवाई, SC ने सुरक्षित रखा फैसला

UPSC Civil Services Exam 2020:  यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा लिए अंतिम प्रयास वाले प्रत्याशियों को अतिरिक्त मौका देने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल अपना फैसला सुरक्षित रखा है.

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UPSC Civil Services Exam 2020: सिविल सेवा परीक्षा में एक और मौका देने वाली याचिका पर SC ने सुरक्षित रखा फैसला
नई दिल्ली:

UPSC Civil Services Exam 2020:  यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा (UPSC Civil Services Exam) के लिए अंतिम प्रयास वाले प्रत्याशियों को अतिरिक्त मौका देने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल अपना फैसला सुरक्षित रखा है. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने पक्षकारों को बुधवार तक अपनी लिखित दलील दाखिल करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वो यूपीएससी परीक्षा में आयु वर्जित हो चुके उम्मीदवारों को भी एक मौका देने पर विचार करें.

केंद्र ने क्या कहा?
केंद्र ने यूपीएससी के उम्मीदवारों को एक अतिरिक्त मौका देने के लिए सहमति व्यक्त की है, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि जिन्होंने 2020 की परीक्षा में अपने सभी अवसरों को समाप्त कर दिया था, उनमें से जो उम्मीदवार आयु सीमा के भीतर हैं, केवल उन्हें ही अतिरिक्त मौका दिया जा सकता है. वहीं, याचिकाकर्ता चाहते थे कि आयु सीमा को एक बार के उपाय के रूप में हटा दिया जाए, लेकिन सरकार इससे सहमत नहीं है.

पिछली सुनवाई में क्या कहा गया?
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट  (Supreme Court) ने कहा था कि महामारी की स्थिति असाधारण थी और इनमें से कुछ उम्मीदवार आवश्यक सेवाओं में सेवारत थे. कुछ वास्तविक मामले भी हैं. ऐसे में याचिकाकर्ता हर वर्ग के लिए एक बार की छूट मांग रहे हैं. केंद्र को इस पर विचार करना चाहिए, क्योंकि इस बार हालात असाधारण रहे. अदालत इस नीतिगत मामले में सरकार को आदेश नहीं देना चाहती. अदालत ने केंद्र सरकार से मंगलवार को इसके बारे में बताने को कहा था और आज इस मामले पर फिर से सुनवाई की गई.

केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) एस वी राजू ने कहा था कि सरकार इस मुद्दे पर कठोर नहीं है. इस मामले पर विचार किया गया था. लेकिन जो लोग आयु सीमा पार कर चुके हैं, उनको एक मौका देना संभव नहीं है. ये नीतिगत मामला है और इस पर विवेक का इस्तेमाल किया गया है. अदालत चाहती है तो ये आदेश जारी कर सकती है. हालांकि उन्होंने कहा था कि वो सुप्रीम कोर्ट के सुझाव को प्राधिकरण के सामने रखेंगे.

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इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि सिविल सेवा परीक्षा (Civil Services Exam) में सामान्य वर्ग के लिए अधिकतम आयु 32 साल, ओबीसी के लिए 35 और एससी/ एसटी के लिए ये आयु 37 साल है. लेकिन इससे पहले भी आयु सीमा पर फैसले बदले गए थे. ऐसे में आयु सीमा पार होने पर एक बार के लिए उम्मीदवारों को छूट देनी चाहिए. 1992 में अतिरिक्त मौका दिया गया था, जबकि 2015 में आयु पर छूट दी गई. अगर आयु में छूट नहीं दी गई तो एससी/ एसटी उम्मीदवारों को नुक्सान होगा. सिर्फ 2236 उम्मीदवारों को फायदा होगा अगर आयु में छूट दी जाती है.

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क्या है पूरा मामला?
सुप्रीम कोर्ट यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिए अंतिम प्रयास वाले प्रत्याशियों को अतिरिक्त मौका देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जो कोरोनावायरस के चलते अपनी परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए थे. 

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केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया था कि संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा लिए किसी भी प्रकार से अतिरिक्त प्रयास उन उम्मीदवारों को नहीं दिया जाएगा,जो अक्टूबर में आयोजित की गई परीक्षा में शामिल होने वाले थे, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण वे परीक्षा में भाग नहीं ले सके थे. 

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दरअसल, कुछ उम्मीदवारों ने सुप्रीम कोर्ट से कोरोना महामारी के प्रभाव के कारण अभ्यर्थियों को यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिए अतिरिक्त मौका दिए जाने की मांग थी. इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट में  सुनवाई चल रही है और आज की सुनवाई में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है. 

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