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This Article is From Jan 23, 2018

'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्‍हें आजादी दूंगा': आज भी रोंगटे खड़े कर देते हैं सुभाष चंद्र बोस के ये 10 विचार

सुभाष चंद्र बोस के विचार बहुत क्रांतिकारी थे और उनकी बातें आज भी किसी के भी तन-मन में जोश भर सकती हैं. उनके जन्‍मदिवस के मौके पर हम आपको उनके ऐसे ही 10 विचारों के बारे में बता रहे हैं:

'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्‍हें आजादी दूंगा': आज भी रोंगटे खड़े कर देते हैं सुभाष चंद्र बोस के ये 10 विचार
सुभाष चंद्र बोस के व‍िचार आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं
नई द‍िल्‍ली: नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्‍म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा (तब के उड़ीसा) के कटक में हुआ था. महात्मा गांधी के अहिंसा के विचारों से सुभाष चंद्र बोस सहमत नहीं थे. 'नेताजी' के नाम से मशहूर सुभाष चंद्र बोस ने भारत को आजादी दिलाने के मकसद से 21 अक्टूबर 1943 को 'आजाद हिंद सरकार' की स्थापना की और 'आजाद हिंद फ़ौज' का गठन किया. नेताजी अपनी आजाद हिंद फौज के साथ 4 जुलाई 1944 को बर्मा पहुंचे. यहीं पर उन्होंने अपना प्रसिद्ध नारा, 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा' दिया. सुभाष चंद्र बोस के विचार बहुत क्रांतिकारी थे और उनकी बातें आज भी किसी के भी तन-मन में जोश भर सकती हैं. उनके जन्‍मदिवस के मौके पर हम आपको उनके ऐसे ही 10 विचारों के बारे में बता रहे हैं:

क्या आपने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिजनों को देखा है... ये हैं तस्वीरें

1. तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा

2. याद रखिए सबसे बड़ा अपराध अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है.

3. ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी स्वतंत्रता का मोल अपने खून से चुकाएं. हमें अपने बलिदान और परिश्रम से जो आज़ादी मिले, हमारे अंदर उसकी रक्षा करने की ताकत होनी चाहिए.

4. एक सैनिक के रूप में आपको हमेशा तीन आदर्शों को संजोना और उन पर जीना होगा: सच्चाई, कर्तव्य और बलिदान. जो सिपाही हमेशा अपने देश के प्रति वफादार रहता है, जो हमेशा अपना जीवन बलिदान करने को तैयार रहता है, वो अजेय है. अगर तुम भी अजेय बनना चाहते हो तो इन तीन आदर्शों को अपने ह्रदय में समाहित कर लो.

नेताजी ने रेडियो रंगून से 1944 में पहली बार बापू को कहा था 'राष्ट्रपिता'

5. सफलता, हमेशा असफलता के स्‍तंभ पर खड़ी होती है.

6. मेरा अनुभव है कि हमेशा आशा की कोई न कोई किरण आती है, जो हमें जीवन से दूर भटकने नहीं देती.

7. जिस व्यक्ति के अंदर 'सनक' नहीं होती वो कभी महान नहीं बन सकता. लेकिन उसके अंदर, इसके आलावा भी कुछ और होना चाहिए.

8. जो अपनी ताकत पर भरोसा करते हैं, वो आगे बढ़ते हैं और उधार की ताकत वाले घायल हो जाते हैं.

9. हमारा सफर कितना ही भयानक, कष्टदायी और बदतर हो, लेकिन हमें आगे बढ़ते रहना ही है. सफलता का दिन दूर हो सकता हैं, लेकिन उसका आना अनिवार्य ही है.

10. मां का प्यार सबसे गहरा होता है- स्वार्थरहित. इसको किसी भी तरह से मापा नहीं जा सकता.

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