नई दिल्ली: कक्षा 12वीं के छह लाख से ज्यादा विद्यार्थियों ने सीबीएसई द्वारा आयोजित इकोनॉमिक्स की पुन: परीक्षा दी. करीब महीना भर पहले इस विषय का पर्चा लीक हो गया था, जिसके बाद देशभर में प्रदर्शन हुए थे. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 4,000 से ज्यादा केंद्रों में सफलतापूर्वक परीक्षा हुई. विद्यार्थियों ने उन्हीं केंद्रों पर इम्तिहान दिया जो उन्हें पहले आवंटित किया गया था.
सीबीएसई ने 28 मार्च को पेपर लीक की रिपोर्टों के बाद पुन:परीक्षा का ऐलान किया था. तब सीबीएसई की 10 वीं कक्षा के गणित का पर्चा लीक होने की भी रिपोर्ट आई थी लेकिन बोर्ड ने गणित की पुन:परीक्षा नहीं लेने का निर्णय किया था और कहा था कि परीक्षा मुख्य रूप से स्कूल शिक्षा व्यवस्था का आंतरिक हिस्सा है.
बोर्ड ने अर्थशास्त्र की पुन:परीक्षा के बारे में कहा था, 12 वीं कक्षा की परीक्षाएं उच्चतर शिक्षा और पेशेवर प्रतियोगी परीक्षाओं का द्वार है जिनमें सीमित सीटें होती हैं. अर्थशास्त्र के पर्चे के कथित लीक के थोड़े से लाभार्थियों को अनुचित लाभ देना छात्रों के बड़े हित में नहीं होगा.
पिछले महीने सीबीएसई की पेपरों के लीक होने से देशभर के विद्यार्थियों में निराशा छा गई थी. दिल्ली में छात्रों ने प्रदर्शन किए थे और सीबीएसई पर लापरवाही का आरोप लगाया था और दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की मांग की थी. पेपर लीक के बाबत जांचकर्ताओं ने झारखंड और हिमाचल प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों से गिरफ्तारियां की थीं.
जांचकर्ताओं ने हिमाचल प्रदेश के ऊना शहर से गिरफ्तार किए गए व्यक्ति के बारे में दावा किया कि वह मामले का मुख्य साजिशकर्ता है. तीन लोग शहर के एक स्कूल के कर्मचारी थे. जांचकर्ताओं ने कहा कि सीबीएसई प्रश्न पत्र लीक मामले में कम से कम दो मॉड्यूल शामिल है.
सीबीएसई ने 28 मार्च को पेपर लीक की रिपोर्टों के बाद पुन:परीक्षा का ऐलान किया था. तब सीबीएसई की 10 वीं कक्षा के गणित का पर्चा लीक होने की भी रिपोर्ट आई थी लेकिन बोर्ड ने गणित की पुन:परीक्षा नहीं लेने का निर्णय किया था और कहा था कि परीक्षा मुख्य रूप से स्कूल शिक्षा व्यवस्था का आंतरिक हिस्सा है.
बोर्ड ने अर्थशास्त्र की पुन:परीक्षा के बारे में कहा था, 12 वीं कक्षा की परीक्षाएं उच्चतर शिक्षा और पेशेवर प्रतियोगी परीक्षाओं का द्वार है जिनमें सीमित सीटें होती हैं. अर्थशास्त्र के पर्चे के कथित लीक के थोड़े से लाभार्थियों को अनुचित लाभ देना छात्रों के बड़े हित में नहीं होगा.
पिछले महीने सीबीएसई की पेपरों के लीक होने से देशभर के विद्यार्थियों में निराशा छा गई थी. दिल्ली में छात्रों ने प्रदर्शन किए थे और सीबीएसई पर लापरवाही का आरोप लगाया था और दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की मांग की थी. पेपर लीक के बाबत जांचकर्ताओं ने झारखंड और हिमाचल प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों से गिरफ्तारियां की थीं.
जांचकर्ताओं ने हिमाचल प्रदेश के ऊना शहर से गिरफ्तार किए गए व्यक्ति के बारे में दावा किया कि वह मामले का मुख्य साजिशकर्ता है. तीन लोग शहर के एक स्कूल के कर्मचारी थे. जांचकर्ताओं ने कहा कि सीबीएसई प्रश्न पत्र लीक मामले में कम से कम दो मॉड्यूल शामिल है.
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