International Mother Language Day 2021 : जानें- मातृभाषा दिवस का इतिहास, क्यों चुनी गई 21 फरवरी की तारीख

इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस समारोह का विषय "शिक्षा और समाज में समावेश के लिए बहुभाषावाद को बढ़ावा देना" है.

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International Mother Language Day
नई दिल्ली:

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (International Mother Language Day) हर साल 21 फरवरी को विश्व स्तर पर मनाया जाता है ताकि भाषाई और सांस्कृतिक विविधता और बहुभाषावाद को मान्यता दी जा सके.

इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस समारोह का विषय "शिक्षा और समाज में समावेश के लिए बहुभाषावाद को बढ़ावा देना" है. बता दें, UNESCO ने नवंबर 1999 को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा मनाए जाने का फैसला किया था, तब से लेकर हर साल 21 फरवरी को इसे मनाया जाता है.

क्यों चुनी गई 21 फरवरी की तारीख
21 फरवरी 1952 में ढाका यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तत्कालीन पाकिस्तान सरकार की भाषायी नीति का विरोध किया. उनका प्रदर्शन अपनी मातृभाषा के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए था. प्रदर्शनकारियों की मांग बांग्ला भाषा को आधिकारिक दर्जा देने की थी. पाकिस्तान की पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसाई लेकिन विरोध नहीं रूका और अंत में सरकार को बांग्ला भाषा को आधिकारिक दर्जा देना पड़ा.

भाषायी आंदोलन में शहीद हुए युवाओं को श्रद्धांजलि देने के लिए यूनेस्को ने नवंबर 1999 को जनरल कांफ्रेंस में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने का फैसला किया और 21 फरवरी की तारीख तय की गई. जिसके बाद से हर साल दुनिया भर में 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाने लगा.

हिंदी दुनिया में तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा
वर्ल्ड लैंग्वेज डेटाबेस के 22वें संस्करण इथोनोलॉज के मुताबिक दुनिया भर की 20 सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में 6 भारतीय भाषाएं हैं जिनमें हिंदी तीसरे स्थान पर है. दुनिया भर में 61.5 करोड़ लोग हिंदी भाषा का इस्तेमाल करते हैं. हिंदी के बाद बंगाली दुनिया भर में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में 7वें स्थान पर है.

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