IIT Madras News: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास ने अपने सबसे बड़े छात्र छात्रावास मंदाकिनी का उद्घाटन किया है. जिसमें कुल 1,200 छात्र रहे सकते हैं. छात्रावास मंदाकिनी को बनाने में 146.75 करोड़ रुपये की लागत आई है. नए छात्रावास मंदाकिनी के बारे में जानकारी देते हुए IIT मद्रास ने कहा कि ये 32,180 वर्गमीटर के क्षेत्र में बना है. इस दस मंजिला इमारत को GRIHA में 4 स्टार रेटिंग के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो कि ग्रीन बिल्डिंग के लिए एक राष्ट्रीय रेटिंग प्रणाली है.
ये भी पढ़ें- रंगन बनर्जी आईआईटी दिल्ली के नए निदेशक होंगे, अन्य आईआईटी को भी मिले नए डायरेक्टर
संस्थान ने छात्रावास के बारे में अधिक जानकारी देते हुए कहा कि नए छात्रावास भवन में ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए सौर पैनल और सौर गर्म पानी की व्यवस्था की गई है. इंजीनियरिंग यूनिट के अध्यक्ष, प्रोफेसर एसए सन्नासिराज ने कहा कि “हॉस्टल पिछले 2 वर्षों में कोरोना महामारी के बावजूद बिना किसी देरी के बनाया गया है. ये छात्रों के घर और विश्राम की सभी जरूरतों को पूरा करता है. "
छात्रावास की खासियत की बात की जाए तो इमारत पीडब्ल्यूडी (विकलांग व्यक्ति) है - दस पीडब्ल्यूडी आवास के साथ अनुकूल. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि पूरी संरचना में सीढ़ी, रैंप और लिफ्ट को पीडब्ल्यूडी के अनुकूल बनाया गया है.
उद्घाटन समारोह के दौरान IIT मद्रास के निदेशक, प्रोफेसर वी कामकोटी ने कहा, "हम अपने परिसर के भीतर अपने छात्रों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले आवास प्रदान करने में गर्व महसूस करते हैं."
क्यों रखा मंदाकिनी नाम
आपको बता दें कि IIT मद्रास परिसर के सभी छात्रावासों का नाम भारतीय नदियों के नाम पर रखा गया है. ऐसे में इस नए छात्रावास को भी भारत की नदी मंदाकिनी का नाम दिया गया है.