आईआईटी का कैंपस अब ब्रिटेन में भी खुलेगा, ऑफशोर कैंपस के लिए विश्वविद्यालयों के बीच बातचीत शुरू

IIT Campus in Britain: देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक आईआईटी का कैंपस अब ब्रिटेन में भी खुलेगा. शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि ब्रिटेन आईआईटी के ऑफशोर कैंपस के लिए तैयार है. 

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ब्रिटेन में बजेगा IIT का डंका, जल्द खुलेगा कैंपस, विश्वविद्यालयों ने शुरू की वार्ता
नई दिल्ली:

IIT Campus in Britain: देश में इंजीनियरिंग की सबसे प्रतिष्टित संस्थान आईआईटी का कैंपस अब ब्रिटेन में भी खुलेगा. ब्रिटेन के शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने कहा कि वे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) के विदेश में परिसर (Offshore Campus) की स्थापना अपने देश में किए जाने के इच्छुक है. इसके लिए ब्रिटेन के कुछ विश्वविद्यालयों ने इस संभावना पर आईआईटी से चर्चा शुरू भी कर दी है. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के कई विश्वविद्यालयों की भी भारत में अपनी शाखाएं खोलने को लेकर रुचि है और वे इस संबंध में कदम उठाने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अंतिम नियामक मसौदे का इंतजार कर रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों के पांच परिसर मलेशिया में हैं और उनके देश को इस मामले में महारत हासिल है.

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भारत के शीर्ष संस्थानों के कैंपस ब्रिटेन में

ब्रिटेन की सरकार के इंटरनेशनल एजुकेशन चैम्पियन स्टीव स्मिथ ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘आईआईटी द्वारा विदेश में अपने परिसर स्थापित करने को लेकर चर्चा की जा रही है. हमने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग से बातचीत की है, क्योंकि हमारा मानना है कि इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता कि दोनों देशों के बीच दो तरफा संबंधों के प्रतीक के रूप में आईआईटी या भारत के शीर्ष संस्थान ब्रिटेन में अपने परिसर स्थापित करने का फैसला करें. इसे लेकर हमारा रुख सकारात्मक है.'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि ब्रिटेन के कई संस्थानों ने आईआईटी से इस संभावना को लेकर बात की है. इसलिए एक बार फिर कहूंगा कि यह कल नहीं होगा, लेकिन मेरा मानना है कि यह संकेत होगा कि हमारे संबंध कैसे आगे बढ़ रहे हैं.'' स्मिथ ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक नेताओं के अबतक भारत आए सबसे बड़े प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं. यह प्रतिनिधिमंडल पांच दिन की यात्रा पर भारत आया है और साझेदारी के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों के अंतरराष्ट्रीयकरण, दोहरी उपाधि और अनुसंधान में समन्वय के एजेंडे पर अहम हितधारकों से चर्चा कर रहा है.

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अबू धाबी में आईआईटी दिल्ली

दो आईआईटी पहले ही विदेश में अपने परिसर स्थापित करने की घोषणा कर चुके हैं और उन्होंने औपचारिक रूप से इस संबंध में करार किया है. आईआईटी मद्रास तंजानिया के जंजीबार में अपना परिसर खोलेगा जबकि आईआईटी दिल्ली अबू धाबी में अपना परिसर खोलेगा. जब पूछा गया कि क्या ब्रिटेन के विश्वविद्यालय भी भारत में अपने परिसर खोलने की संभावना पर विचार कर रहे हैं तो स्मिथ ने कहा, ‘‘ इसका आसान जवाब है, हां. उनकी बहुत अधिक रुचि है, लेकिन निश्चित तौर पर यह नियामक मसौदे के तहत होगा. ऐसा इसलिए, क्योंकि दुनिया का कोई शासी निकाय तबतक प्रतिबद्धता नहीं जताएगा जबतक की नियामक मसौदा पर सहमति न बन जाए, उसपर हस्ताक्षर कर मूर्त रूप न दे दिया जाए. हमने गत दो-तीन साल में स्थिति को अनुकूल बनाने में उल्लेखनीय प्रगति की है.''

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यूजीसी ने की जनवरी में घोषणा

बता दें कि यूजीसी ने इस साल जनवरी में भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसर के लिए मसौदा नियमन की घोषणा की थी. हालांकि,अंतिम नियमन को अबतक अधिसूचित नहीं किया गया है.

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ब्रिटिश संस्थानों के परिसर भारत में

ब्रिटिश काउंसिल के भारत में निदेशक एलिसन बैरेट ने कहा, ‘‘ मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि कई विश्वविद्यालय लंबे समय के लिए भौतिक उपस्थिति दर्ज कराने के बारे में सोच रहे हैं, लेकिन फिर मैं कह रहा हूं कि हमें सभी पहलुओं को अंतिम रूप देना है. इसमें कोई बाधा नहीं है. हमारी बहुत अधिक रुचि ब्रिटिश संस्थानों के परिसर भारत में देखने की है और निश्चित तौर पर भारतीय संस्थानों के परिसर ब्रिटेन में खुलते देखने की भी.''

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बैरेट ने कहा, ‘‘हम दो तरफा भागीदारी के भविष्य को लेकर उत्साहित हैं। इसलिए शाखा परिसर और भौतिक उपस्थिति हमारे लिए बहुत ही आकर्षक है. एक बार नियमन तैयार हो, ब्रिटेन के पास इस क्षेत्र में बहुत अधिक विशेषज्ञता भी है. अगर आप मलेशिया को देखें तो वहां पर ब्रिटेन के पांच विश्वविद्यालयों ने अपने परिसर स्थापित किए हैं. इसलिए ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों के तंत्र के पास इसकी बहुत अधिक विशेषज्ञता है. इसलिए उनकी रुचि वास्तव में भारत के भीतर अवसरों में भी है.''

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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