आमिर खान अभिनीत '3 ईडियट्स' फिल्म से प्रसिद्धि हासिल करने वाला केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह में स्थित स्कूल लॉकडाउन के दौरान अपने छात्रों को स्थानीय कला और संस्कृति के साथ ही जड़ों की ओर लौटना सिखा रहा है. स्कूल के सभी छात्रों के पास लेह के पहाड़ी इलाकों में इंटरनेट की पहुंच नहीं है.
कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन की वजह से द्रुक पद्मा कारपो स्कूल बंद है, लेकिन यह स्मार्ट फोन के जरिए कुछ ऑनलाइन कक्षाएं ले रहा है. इसकी योजना है कि जब स्कूल खुलेंगे और नियमित कक्षाएं लगेंगी तो यह पाठ्यक्रम फिर से पढ़ाया जाएगा, क्योंकि बहुत से छात्रों की पहुंच इंटरनेट तक नहीं है.
स्कूल की प्रधानाचार्य मिनगुर आगमो ने फोन पर कहा, "हम ठीक तरीके से ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन नहीं कर सकते हैं जैसे देश के कई हिस्सों में किया जा रहा है. हमारे कुछ छात्र दुर्गम पहाड़ी इलाकों में रहते हैं, जहां इंटरनेट सुविधा नहीं हैं. कई बार तो कॉल की सुविधा भी नहीं होती है. हम स्मार्ट फोन के जरिए जो पढ़ा रहे हैं उसे नियमित कक्षाओं में फिर से पढ़ाएंगे. इसलिए हम ज्यादा तवज्जो गैर शैक्षणिक गतिविधियों पर दे रहे हैं.
उन्होंने कहा, "हमने छात्रों को काम दिया है कि कैसे वह लॉकडाउन में स्थानीय कला और संस्कृति को खोज सकते हैं जो अपनी लोकप्रियता खो रही है. साथ में संस्कृति, खाना, स्थानीय भाषा सीखने समेत अन्य गतिविधियों पर निबंध लिखने को दिया गया है."
प्रधानाचार्य ने बताया कि छात्रों को ऐसे नवाचारी विचार देने को भी कहा गया है कि जिससे रोजमर्रा की जिंदगी आसान हो और जरूरतमंदों में मास्क बांटने को भी कहा है.
19 साल पुराना स्कूल आमिर खान अभिनीत '3 ईडियट्स' में दिखा था. इसके बाद इसे ख्याति मिली.
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