टीसीएस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी राजेश गोपीनाथन अमेरिका में वीजा व्यवस्था में प्रस्तावित बदलाव से परेशान नहीं है लेकिन उन्होंने हर किसी के लिये एक जैसी नीति के साथ समान अवसर उपलब्ध कराने की मांग की है.
इस सप्ताह सीईओ का कार्यभार संभालने वाले गोपीनाथन ने कहा, ‘‘हम समान अवसर उपलब्ध कराने की मांग कर सकते हैं. जब तक खेल के नियम एक जैसे होंगे, हमें अपनी प्रतिस्पर्धा क्षमता पर पूरा भरोसा है’’ उन्होंने कहा कि नीति की बातें सामने आती हैं, तभी किसी को उससे निपटने की आवश्यकता होगी.
गोपीनाथ ने कहा, ‘‘..लेकिन हम परेशान नहीं है. हम केवल एक मानक देखना चाहेंगे वह यह कि नीति सभी के लिये निष्पक्ष और समान हो.’’ अमेरिका द्वारा वीजा व्यवस्था में प्रस्तावित बदलाव को लेकर चिंता है जिसके कारण उद्योग संगठन नॉसकॉम ने पहली बार मई तक के लिये सालाना अनुमान की घोषणा टाल दी है. भारत के कुल आईटी निर्यात राजस्व में अमेरिका का योगदान 60 प्रतिशत है.
नासकॉम का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति प्रशासन के सदस्यों के साथ कामकाजी वीजा और दोनों देशों के बीच कुशल कार्यबल की आवाजाही जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिये फिलहाल वॉशिंगटन डीसी में है. वीजा व्यवस्था में किसी प्रकार के बदलाव से परिचालन लागत बढ़ेगी और 110 अरब डॉलर के भारतीय आउटसोर्सिंग उद्योग के लिये कुशल कामगारों की कमी होगी.
देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी के नेतृत्व में बदलाव के बारे में गोपीनाथ ने कहा कि वह और उनकी टीम निरंतरता बनाये रखने के बारे में ग्राहकों को आश्वस्त करने के लिये उन तक पहुंच रही है. उन्होंने कहा, ‘‘..मैं और मेरी टीम ग्राहकों तक पहुंच रही हैं और उन्हें आश्वासन दे रही हैं. मैंने पिछले एक महीने में 70 से 80 ग्राहकों से मुलाकात की.’’