दो दिन में चीनी मुद्रा युआन में 4 प्रतिशत के अवमूल्यन से डॉलर की तुलना में रुपया बुधवार को 1 प्रतिशत गिरकर 64.85 डॉलर पर कारोबार कर रहा है। रुपये का यह दो साल का निचला स्तर है। इस तरह की गिरावट पिछले साल सितंबर 2013 में देखने को मिली थी, जब देश करंट अकाउंट घाटा से जूझ रहा था।
अर्थव्यवस्था की गिरती विकास दर और मुद्रा अवस्फिति का दबाव झेल रहे चीन ने कमजोर आर्थिक आँकड़े आने के बाद आज अपनी मुद्रा यूआन का अवमूल्यन कर दिया जिसका असर रुपये और भारतीय शेयर बाजारों पर भी देखने को मिला। चीन के केंद्रीय बैंक ने बताया कि उसने यूआन का लगभग दो प्रतिशत अवमूल्यन किया है।
फेडरल बैंक के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर आशुतोष खजुरिया ने बताया कि युआन के अवमूल्यन का प्रभाव रुपया समेत सभी विकासशील देशों की मुदाओं पर पड़ा। जिनका चीन से ज्यादा लेन-देन है, उन देशों की मुद्राओं पर इसका खासा असर देखने को मिलेगा।
इसका असर शेयर बाजारों पर भी देखने को मिल रहा है। देश के प्रमुख शेयर बाजारों में बुधवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा।
प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स सुबह लगभग 9.48 बजे 205.55 अंकों की गिरावट के साथ 27,660.54 पर और निफ्टी भी लगभग इसी समय 70.50 अंकों की गिरावट के साथ 8,391.85 पर कारोबार करते देखे गए।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांस सेंसेक्स सुबह 14.67 अंकों की तेजी के साथ 27,880.76 पर खुला।
वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 16.65 अंकों की गिरावट के साथ 8,445.70 पर खुला।