‘‘भारत बिना नेतृत्व के काम कर रहा है’’ एक समय यह कहकर चौंकाने वाले सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की अग्रणी कंपनी विप्रो के प्रमुख अजीम प्रेमजी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर भरोसा जताते हुये कहा कि उन्हें सुधारों को आगे बढ़ाने के लिये उचित समय दिया जाना चाहिये।
अजीम प्रेमजी का यह वक्तव्य देश के प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा की उस टिप्पणी के कुछ ही समय बाद आया है जिसमें टाटा ने कहा था कि देश की मौजूदा आर्थिक चिंताओं के लिये प्रधानमंत्री सिंह पर ही पूरा दोष मढ़ना अनुचित होगा।
प्रेमजी ने कहा ‘‘यह कहना मुश्किल है कि सुधार प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ेगी। मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री की अपनी जिम्मेदारियों के साथ साथ अब वित्त मंत्रालय का कार्यभार भी संभाला है। इसलिये अब हमें उम्मीद रखनी चाहिये और उन्हें इसके लिये उपयुक्त समय दिया जाना चाहिये।’’
प्रेमजी ने कहा कि नीतिगत प्रयासों से भी ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि सरकार को मौजूदा नीतियों में शामिल विभिन्न मुद्दों को ही सुनियोजित तरीके से अमल में लाना चाहिये।
उन्होंने कहा ‘‘ढांचागत क्षेत्र की परियोजना हो या फिर सरकारी परियोजना, जो परियोजनायें चल रही हैं और जिनमें विस्तार की आवश्यकता है, सरकार को उन व्यापक क्षेत्रों पर ध्यान देने की आवश्यकता है जिनपर अमल होना है और जिनपर निर्णय लिया जा चुका है। यही काम हो सकता है, क्योंकि यह सरकार की अहम जिम्मेदारी है।’’
पिछले सप्ताह टाटा ने ट्वीट किया था कि देश के आर्थिक सुधारों के आड़े आने वाले समस्याओं के लिये केवल प्रधानमंत्री को दोष दिया जाना गलत होगा। सिंह के समर्थन में खड़े होते हुये टाटा ने कहा ‘‘यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान विपक्ष, मीडिया, कुछ नागरिकों ने और यहां तक कि सत्तापक्ष की पार्टी के कुछ सदस्यों ने हमारे प्रधानमंत्री के बारे में निर्दयतापूर्वक कहा और लिखा है। सिंह जो कि वर्ष 1991 में शुरु हुये आर्थिक सुधारों के जनक रहे हैं और जिससे देश को आर्थिक समृद्धि तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली है।’’ अजीम प्रेमजी ने इससे पहले पिछले महीने ही कहा था ‘‘..हम एक देश के रुप में बिना नेता के काम कर रहे हैं। यदि हम बदलते नहीं हैं तो कई सालों के लिये पीछे चले जायेंगे।’’