यूरोपीय ऋण संकट की वजह से दबाव झेल रही कई बड़ी भारतीय कंपनियां अगले 12 माह में लागत कटौती और जोखिम प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करेंगी। अर्न्स्ट एंड यंग के एक सर्वेक्षण में यह बात कही गई है।
भारतीय कंपनियों के कार्यकारियों पर अर्न्स्ट एंड यंग द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार हाल के सुधारों से निवेशकों की धारणा को मजबूती मिलेगी। सर्वेक्षण में शामिल 83 फीसद कंपनियों का कहना है कि यूरो क्षेत्र के ऋण संकट की वजह से परिचालन की चुनौती बढ़ी है और राजस्व व मार्जिन पर दबाव है।
द्विवार्षिक ‘कैपिटल कॉन्फिडेंस बैरोमीटर’ सर्वे में कहा गया है कि कंपनियों द्वारा परिचालन दक्षता और लागत कटौती उपाय के अलावा जोखिम प्रबंधन पर अधिक ध्यान केंद्रित किए जाने की उम्मीद है। सर्वेक्षण में 70 से अधिक वरिष्ठ कार्यकारी शामिल हुए।
ईएंडवाई इंडिया के भागीदार और राष्ट्रीय निदेशक (लेन-देन सलाहकार सेवाएं) अमित खंडेलवाल ने कहा कि दक्षता, लागत नियंत्रण अैर जोखिम प्रबंधन आज के समय की प्रमुख जरूरत है।