यूरोप एक बार फिर आर्थिक मंदी की चपेट में आ गया है। साल 2009 के बाद एक बार फिर यूरो जोन के 17 देश मंदी की मार झेल रहे हैं। जुलाई से सितंबर के आंकड़े बता रहे हैं कि यूरोजोन के देशों की अर्थव्यवस्था में लगातार छह महीने गिरावट दर्ज की गई।
जर्मनी और फ्रांस में मामूली बढ़त देखी गई है, लेकिन नीदरलैंड, इटली, स्पेन और ऑस्ट्रिया की अर्थव्यवस्था में गिरावट देखी गई है। यूरोप के कई देशों में लाखों मजदूर खर्चों में कटौती के सरकारी फैसलों का भारी विरोध कर रहे हैं।
लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के अर्थशास्त्री पॉल ग्रोव का मानना है कि तीन साल में दूसरी आर्थिक मंदी के लिए यूरोपीय देशों की सरकारें ही जिम्मेदार हैं। इससे पहले 70 आर्थिक जानकारों के एक सर्वे के आधार पर अनुमान लगाया गया है कि यूरोजोन को 2013 के अंत से पहले आर्थिक मंदी से छुटकारा नहीं मिल पाएगा।