मुंबई कोर्ट ने वडराज सीमेंट लिमिटेड की 952 करोड़ की जब्त संपत्ति बहाल की, जानिए मामला

ED की यह कार्रवाई दिखाती है कि मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर मामलों में न सिर्फ दोषियों पर कार्रवाई होती है, बल्कि वैध दावेदारों को न्याय भी सुनिश्चित किया जाता है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • मुंबई की पीएमएलए अदालत ने वडराज सीमेंट की 952 करोड़ रुपये की संपत्ति बहाल की.
  • Nuvoco Vistas Corporation Ltd ने दिवालिया वडराज सीमेंट को खरीदा है.
  • ED ने संपत्ति की बहाली पर कोई आपत्ति नहीं जताई थी.
  • वडराज सीमेंट ने IL&FS से 952 करोड़ रुपये का फर्जी लोन लिया था.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही? हमें बताएं।

प्रवर्तन निदेशालय  को एक बड़ी कामयाबी मिली है. मुंबई की विशेष पीएमएलए अदालत ने वडराज सीमेंट लिमिटेड (पहले ABG सीमेंट लिमिटेड) की 952 करोड़ रुपये की जब्त संपत्ति को बहाल करने की मंजूरी दे दी है. ये बहाली Nirma ग्रुप की कंपनी Nuvoco Vistas Corporation Ltd को की गई है, जो दिवालिया हो चुकी कंपनी वडराज सीमेंट की खरीदार है.

यह फैसला 25 जून 2025 को अदालत ने दिया है. ED ने इस पर नो ऑब्जेक्शन जताते हुए संपत्ति की बहाली की सिफारिश की थी. ED का कहना है कि वैध दावेदारों को उनकी संपत्तियां लौटाना PMLA कानून की मंशा के अनुसार है.

क्या है पूरा मामला

IL&FS और उसकी ग्रुप कंपनियों पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है. इसी जांच में सामने आया कि वडराज सीमेंट ने IL&FS फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड से 952 करोड़ रुपये का लोन लिया था, जो बाद में फर्जी तरीके से लिया गया साबित हुआ. इसे अपराध से कमाई आय माना गया और कंपनी की गुजरात स्थित सूरत सीमेंट प्लांट की संपत्तियां जनवरी 2020 में जब्त कर ली गईं थीं. ED की अर्जी पर अगस्त 2021 में अडजुडीकेटिंग अथॉरिटी ने भी जब्ती की पुष्टि की थी. बाद में PMLA कोर्ट में मुकदमा भी दाखिल किया गया था.

Advertisement

बैंकों से खूब कर्ज लिया था

  • वडराज सीमेंट पर कई बैंकों का कर्ज बकाया है
  • पंजाब नेशनल बैंक का 2,122 करोड़ रुपये
  • यूनियन बैंक का 1,620 करोड़
  • इंडियन ओवरसीज बैंक का 1,419 करोड़
  • सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का 1,391 करोड़
  • JC Flowers ARC का 677 करोड़

बहाली क्यों की गई

Nuvoco Vistas Corporation Ltd, जो कि Nirma ग्रुप की कंपनी है, ने दिवालिया प्रक्रिया के तहत वडराज सीमेंट को खरीदने का प्रस्ताव दिया था, जिसे NCLT मुंबई ने 1 अप्रैल 2025 को मंजूरी दी. इसके तहत Nuvoco, बैंकों को 1,706 करोड़ रुपये चुकाएगी.

Advertisement

इसके बाद कंपनी ने कोर्ट में अर्जी लगाकर जब्त संपत्ति की बहाली की मांग की ताकि पुनर्गठन योजना को लागू किया जा सके. ED ने भी इसमें आपत्ति नहीं जताई और कोर्ट ने संपत्ति बहाली का आदेश दे दिया.

Advertisement

कोर्ट ने क्या शर्तें रखीं

  • Nuvoco को भविष्य में कोर्ट के निर्देश पर संपत्ति या उसकी वैल्यू वापस लौटाने की गारंटी देनी होगी.
  • ED को संपत्ति का डिटेल इन्वेंट्री  बनाकर ही उसे सौंपना होगा.
  • ये आदेश सिर्फ 952 करोड़ की अटैच की गई संपत्ति पर लागू होगा.

ED की यह कार्रवाई दिखाती है कि मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर मामलों में न सिर्फ दोषियों पर कार्रवाई होती है, बल्कि वैध दावेदारों को न्याय भी सुनिश्चित किया जाता है. ED की कोशिश है कि जो संपत्तियां जब्त की गई हैं, उन्हें कानूनी प्रक्रिया के तहत सही हाथों में सौंपा जाए और देश के वित्तीय सिस्टम को मजबूत किया जाए.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Rajasthan: पाइपलाइन डालते वक्त बड़ा हादसा, 4 की मौत | BREAKING NEWS