ग्रोथ और रोजगार को रफ्तार देने वाला क्रांतिकारी बजटः नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत

Union Budget 2025: 2025-26 के बजट को ऐतिहासिक बताया जा रहा है. आखिर क्यों है ये बजट ऐतिहासिक, क्रांतिकारी समझा रहे हैं नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत 

विज्ञापन
Read Time: 4 mins

ये बहुत क्रांतिकारी है. मिडिल क्लास को इतना बड़ा एक्जेम्पशन पहले कभी इंडिया की हिस्ट्री में नहीं मिला है. ये टोटल टैक्स का करीब 7-8 प्रतिशत है. इसके लिए बहुत पॉलिटिकल और एडमिनिस्ट्रेटिव विल चाहिए, जो कि सरकार ने दिखाया है. सरकार ने ये फैसला कंजम्पशन को बढ़ावा देने के लिए किया है. सरकार के हिसाब से मिडिल क्लास के हाथ में ज्यादा पैसा देना जरूरी था. देश में डिमांड को बढ़ाना जरूरी था. अगर भारत को 8-9 प्रतिशत की ग्रोथ पर ले जाना है तो कंजम्पशन को ड्राइव करना आवश्यक था.

पर ये बजट इसकी वजह से ग्रोथ तो देगा ही, साथ ही इसके साथ जॉब्स भी देगा. जब 8 प्रतिशत की ग्रोथ होती है और लेबर इंटेंसिव सेक्टर पर फोकस है. क्योंकि ये पहली बार है कि किसी बजट में टूरिज्म, टॉय सेक्टर, लेदर, फुटवेयर और 100 एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट कृषि क्षेत्र में तो जहां पर आप नई टेक्नोलॉजी लाएंगे, बदलाव लाएंगे तो ये ग्रोथ विथ जॉब्स का बजट है. 

तीसरी चीज ये फिस्कल रिस्पॉन्सिबल बजट है. फिस्कल डेफिसिट इस साल 4.8 फीसदी था, आगे चलकर ये 4.4 को टारगेट कर रहा है. तो ये बड़ाफिस्कल रिस्पॉन्सिबल बजट है. इसके लिए मैं फाइनेंस मिनिस्टर की तारीफ करना चाहूंगा. 
टूरिज्म एक अकेला क्षेत्र है, जिसमें 3-3.5 करोड़ नौकरियां कम से कम आ सकती हैं. बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर स्टेटस 50 शहरों में दिया गया है तो इसका बड़ा इम्पैक्ट होगा. इसी तरह टेक्सटाइल सेक्टर में काफी नौकरियां बढ़ेंगी.

इसके अलावा टॉय सेक्टर बहुत महत्वपूर्ण है. जहां पर अभी करीब एक करोड़ लोग काम करते हैं और ये जब टॉय का पैकेज बनेगा तो मेरे विचार से एम्प्लॉयमेंट डबल होने की संभावना है. फिर फुटवेयर और लेदर सेक्टर भी बहुत एम्प्लॉयमेंट क्रिएशन का सेक्टर है. मेरे विचार से ये सारे सेक्टर अगर हम मिला देते हैं तो इन लेबर इंटेंसिव सेक्टर में 5-5.5 करोड़ की जॉब क्रिएशन की क्षमता है. साथ ही बजट में स्टार्टअप्स पर बहुत फोकस किया गया है. ना केवल फंड ऑफ फंड स्टार्टअप्स का है, बल्कि इनोवेशन पर भी फोकस है. वहां डीप टेक के लिए अलग एक फंड ऑफ फंड की बात की गयी है. इसी तरह जियो स्पेशल सेक्टर हो या फिर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हो, या कटिंग टेक्नोलॉजी, इन सभी सेक्टर पर बजट में फोकस किया गया है. ये सारे सेक्टर मिलाकर ग्रोथ देंगे और ये ग्रोथ विथ जॉब्स का बजट है.

Advertisement

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को जीडीपी के पच्चीस पर्सेंट तक ले जाना है. अभी ये 17-18 पर्सेंट पर Stagnant है. इसको बढ़ाने के लिए टैक्स पॉलिसियों को ठीक करने की जरूरत है. इज ऑफ डूइंग बिजनेस ठीक करना है. राज्यों के साथ लैंड पॉलिसियों को ठीक करना है. लेबर पॉलिसी ठीक करनी है. पावर रेट्स हमारे देश में बहुत ज्यादा हैं. इन सभी चीजों को राज्यों के साथ काम करने के लिए नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन बनाया गया है, ये राज्यों के साथ मिलकर इस दिशा में काम करेगी. एमएसएमई को भी नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन से बढ़ावा मिलेगा.मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को वैश्विक लेवल पर बढ़ाने के लिए आपको कॉम्पिटिटिव बनना होगा, वर्ल्ड क्लास बनना होगा. ग्लोबल वैल्यू चेन्स को पेनेट्रेट करना हमारे मैन्युफैक्चरर्स के लिए आवश्यक है और खासकर अभी का जो माहौल है कि ग्लोबल वैल्यू चैन सारी डिसरप्टेड है, टूटी पड़ी हुई है तो उसमें अगर भारत को आगे चलना है तो हमें बहुत ही कॉम्पिटिटिव नेशन बनना होगा. कॉस्ट ऑफ लॉजिस्टिक्स को भी बहुत गिराना पड़ेगा.

Advertisement

नेशनल मैन्युफैक्चरिंग मिशन में प्राइवेट सेक्टर का ही रोल होगा. ये केवल पूरा प्राइवेट सेक्टर ड्राइवन होना चाहिए, क्योंकि अगर भारत को अपनी मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ करनी है तो ये गवर्नमेंट से नहीं होगा. गवर्नमेंट को तो अपने आपको रिट्रीट करना पड़ेगा. जैसे ये बजेट ने कहा की रूल्स हटाइए, रेगुलेशन हटाइए, प्रोसिजर हटाइए, लॉज हटाइए, एक रिफॉर्म का वेव लाना पड़ेगा और उसके बिना ये नहीं होगा. ये फोकस होना चाहिए कि प्राइवेट सेक्टर कैसे फ्री होकर काम करे. देश को अगर नौ दस प्रतिशत पर ग्रो करना है अगले तीस वर्षों में तो गवर्नमेंट ग्रोथ नहीं देगा. गवर्नमेंट तो एटमॉस्फियर क्रिएट करेगा,कैटलिस्ट होगा,फैसिलिटेटर होगा.प्राइवेट सेक्टर को ग्रो करना पड़ेगा. तो मैं तो इस बजट को बहुत हाई मार्क्स दूंगा. मैं दस में 9-9.5 मार्क्स इस बजट को दूंगा.

Advertisement

बजट विश्लेषण- नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत