भारतीय शेयर बाजार में लगातार छह दिनों से जारी तेजी का सिलसिला थम गया. आज यानी शुक्रवार को कारोबार की शुरुआत कमजोरी के साथ हुई. बाजार खुलते ही सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में गिरावट देखने को मिल रही है. 22 अगस्त की सुबह बाजार की शुरुआत कमजोरी के साथ हुई. सुबह 9:26 बजे सेंसेक्स 296 अंक यानी 0.36% टूटकर 81,704 पर आ गया. वहीं निफ्टी 90 अंक यानी 0.36% गिरकर 24,993 पर ट्रेड कर रहा था. निफ्टी इस दौरान 25 हजार के लेवल से नीचे चला गया.
वहीं, सुबह 10:25 बजे, सेंसेक्स 550 अंक गिरकर 81,449 पर आ गया, जबकि निफ्टी50 175 अंक की गिरावट के साथ 24,908 पर बंद हुआ. पिछले छह सत्रों में दोनों इंडेक्स में 2 प्रतिशत से अधिक की तेजी रही थी. बता दें कि जीएसटी सुधारों की उम्मीदों से हाल में बाजार में अच्छा मूवमेंट देखने को मिला था, लेकिन अब इन्वेस्टर्स सतर्क हो गए हैं क्योंकि आज रात फेडरल रिजर्व चेयर जेरोम पॉवेल जैक्सन होल मीटिंग में अपना पॉलिसी स्टेटमेंट देने वाले हैं.
निफ्टी बैंक और निफ्टी आईटी में भी गिरावट
सेक्टोरल फ्रंट पर निफ्टी बैंक 0.65 प्रतिशत, निफ्टी आईटी 0.45 प्रतिशत की गिरावट में रहे. एफएमसीजी और मेटल शेयरों में भी गिरावट देखी गई. अधिकांश अन्य इंडेक्स में मामूली बढ़त देखी गई.
इन शेयरों ने निवेशकों को गिरावट भरे बाजार में कराया मुनाफ
निफ्टी के टॉप गेनर्स की लिस्ट में लार्सन एंड टुब्रो, भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस और हिंडाल्को शामिल रहे. जबकि एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस टॉप लूजर रहा, जिसमें 1.24 प्रतिशत की गिरावट रही.इसके बाद टॉप लूजर्स की लिस्ट में एशियन पेंट्स, एचसीएल टेक, आईसीआईसीआई बैंक और ग्रासिम का स्थान रहा.
एशियाई बाजारों का हाल
भारतीय बाजार के मुकाबले एशियाई बाजारों में आज सुबह हल्की बढ़त देखने को मिली. टोक्यो का निक्केई इंडेक्स मामूली बढ़त के साथ खुला, जबकि गुरुवार को इसमें 0.7% की गिरावट आई थी. जापान ने जुलाई का महंगाई डेटा जारी किया है, जिसमें कोर इन्फ्लेशन 3.3% से घटकर 3.1% पर आ गया. यह अब भी बैंक ऑफ जापान के 2% के टारगेट से ऊपर है. इससे उम्मीद बढ़ गई है कि वहां अक्टूबर में ब्याज दरें बढ़ सकती हैं.
हांगकांग, शंघाई, सियोल और ताइपे के बाजारों में भी शुरुआती बढ़त दर्ज की गई. वहीं सिडनी और बैंकॉक के बाजार थोड़े कमजोर दिखे.
क्यों सतर्क हैं निवेशक
दुनियाभर के निवेशक इस हफ्ते अमेरिका के जैक्सन होल मीटिंग पर नजर गड़ाए हुए हैं. शुक्रवार को अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल अपना भाषण देंगे. माना जा रहा है कि वे सितंबर की बैठक में ब्याज दर घटाने को लेकर संकेत दे सकते हैं. फिलहाल अमेरिका में महंगाई को लेकर चिंता बनी हुई है, हालांकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और टेक सेक्टर में तेजी से बाजार को सपोर्ट मिल रहा है.
फिलहाल निवेशक ग्लोबल संकेतों पर नजर रखे हुए हैं. जेरोम पॉवेल का बयान आने के बाद ही साफ होगा कि सितंबर में ब्याज दरों में कटौती होगी या नहीं.