दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि में कमी अस्थायी मामला, आगे तेजी से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था: निर्मला सीतारमण

भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है. इसका श्रेय देश के लोगों को जाता है जो अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और उसे पूरा कर रहे हैं, जिससे अर्थव्यवस्था में योगदान मिल रहा है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
निर्मला सीतारमण ने कहा, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही न केवल भारत के लिए बल्कि अन्य देशों के लिए भी चुनौतीपूर्ण रही है
नई दिल्ली:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 5.4 प्रतिशत की उम्मीद से कम वृद्धि अस्थायी स्थिति है. उन्होंने भरोसा जताया कि आने वाली तिमाहियों में वृद्धि की रफ्तार बढ़ेगी.निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वर्ष 2024-25 के लिए अनुदान की पहली अनुपूरक मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि भारत ने ‘मजबूत और सतत' वृद्धि देखी है. पिछले तीन वर्षों में जीडीपी वृद्धि दर औसतन 8.3 प्रतिशत रही है.

उन्होंने कहा, ‘‘ चालू वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही में वास्तविक वृद्धि दर क्रमशः 6.7 प्रतिशत और 5.4 प्रतिशत रही है. दूसरी तिमाही में 5.4 प्रतिशत वृद्धि की दर उम्मीद से कम है...वास्तव में चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही न केवल भारत के लिए बल्कि अन्य देशों के लिए भी चुनौतीपूर्ण रही है.''

भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था

इसके आगे उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है. इसका श्रेय देश के लोगों को जाता है जो अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और उसे पूरा कर रहे हैं, जिससे अर्थव्यवस्था में योगदान मिल रहा है.

Advertisement
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘दूसरी तिमाही की उम्मीद से कम वृद्धि दर ‘अस्थायी' मामला है और आने वाली तिमाहियों में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार अच्छी रहेगी.''

उन्होंने यह भी कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में कोई व्यापक नरमी की स्थिति नहीं है. विनिर्माण क्षेत्र से जुड़े आधे क्षेत्र मजबूत बने हुए हैं.सीतारमण ने कहा, ‘‘विनिर्माण क्षेत्र में कुल मिलाकर सुस्ती की आशंका नहीं है, क्योंकि यह कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित है...औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 23 विनिर्माण क्षेत्रों में से लगभग आधे अब भी मजबूत बने हुए हैं.''

Advertisement

 इसके अलावा, जुलाई और अक्टूबर, 2024 के बीच केंद्र सरकार का पूंजीगत व्यय 6.4 प्रतिशत बढ़ा है.सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का निर्धारण किया है.

निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने और वृद्धि को बनाये रखने के लिए हम जो कदम उठा रहे हैं, उसमें प्रमुख पूंजीगत व्यय है. हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि इसके जरिये अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव पड़े और उसे अधिक गति मिले.''उन्होंने कहा, ‘‘पूंजी खाते पर खर्च किए गए प्रत्येक रुपये के लिए ‘गुणक' प्रभाव कभी-कभी 4.3 तक पहुंच जाता है. वहीं यदि आप राजस्व खाते पर खर्च करते हैं, तो प्रत्येक एक रुपये के लिए आपको केवल 0.98 मिलते हैं.''

अप्रैल-अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति कोविड महामारी के बाद से सबसे कम

निर्मला सीतारमण ने महंगाई के बारे में कहा कि राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) शासन में इसे बेहतर ढंग से काबू में रखा गया है, जबकि संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार में यह दहाई अंक तक पहुंच गई थी.उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल-अक्टूबर के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति 4.8 प्रतिशत रही. यह कोविड महामारी के बाद से सबसे कम है.

Advertisement

बेरोजगारी दर अब घटकर 3.2 प्रतिशत पर आई

सीतारमण ने कहा कि मुख्य (कोर) मुद्रास्फीति दशक के निचले स्तर 3.6 प्रतिशत पर बनी हुई है. मुख्य मुद्रास्फीति में उतार-चढ़ाव वाले खाद्यान्न और ऊर्जा के दाम शामिल नहीं होते.उन्होंने कहा कि बेरोजगारी दर 2017-18 में छह प्रतिशत थी, जो अब घटकर 3.2 प्रतिशत पर आ गयी है.

Advertisement

लोकसभा में अनुदान की अनुपूरक मांगों को ध्वनिमत से पारित

वित्त मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने अनुदान की अनुपूरक मांगों को ध्वनिमत से पारित कर दिया.वित्त वर्ष 2024-25 की अनुदान की पहली अनुपूरक मांग के तहत 87,762.56 करोड़ रुपये के सकल अतिरिक्त व्यय की मंजूरी मांगी गई है.इसमें से, शुद्ध नकद व्यय से जुड़ा प्रस्ताव कुल मिलाकर 44,142.87 करोड़ रुपये और सकल अतिरिक्त व्यय कुल मिलाकर 43,618.43 करोड़ रुपये हैं.अतिरिक्त खर्च में उर्वरक सब्सिडी योजना के लिए 6,593.73 करोड़ रुपये, कृषि और किसान कल्याण के लिए लगभग 9,000 करोड़ रुपये और रक्षा खर्च के लिए 8,000 करोड़ रुपये शामिल हैं.इसमें विदेश मंत्रालय के खर्च के लिए 3,000 करोड़ रुपये और गृह मंत्रालय के खर्च को लेकर 4,800 करोड़ रुपये शामिल है.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
R Ashwin Retirement: फिरकी के जादूगर अश्विन ने क्रिकेट को कहा अलविदा, एक नजर उनके बड़े Records पर
Topics mentioned in this article