2025 में निवेश की दुनिया में अगर कोई एक मेटल सबसे ज्यादा चर्चा में रही है तो वह है चांदी (Silver). साल की शुरुआत से अब तक 120 प्रतिशत की तेजी के साथ चांदी ने ₹2 लाख प्रति किलो का ऐतिहासिक स्तर छू लिया है. यह प्रदर्शन 1979 के बाद का सबसे बड़ा वार्षिक उछाल है. लेकिन जानकार मानते हैं कि यह सिर्फ शुरुआत है. विशेषज्ञों के मुताबिक 2026 तक चांदी ₹2.5 लाख प्रति किलो तक पहुंच सकती है यानी यहां से करीब 25 फीसदी की और बढ़त मुमकिन है.
चांदी में क्यों है इतनी तेजी?
इस तेजी के पीछे कोई भावनात्मक सट्टा नहीं बल्कि ठोस सप्लाई संकट और तेज़ी से बढ़ती इंडस्ट्रियल मांग है. Axis Direct का कहना है कि दुनिया भर में चांदी की माइनिंग करीब 810 मिलियन औंस पर स्थिर है जो पिछले पांच सालों से न के बराबर बढ़ी है. खास बात यह है कि चांदी का 70 से 80 प्रतिशत हिस्सा तांबा, सीसा और जिंक की माइनिंग से बायप्रोडक्ट के रूप में निकलता है. यानी चांदी की सप्लाई कीमत बढ़ने पर भी तेज़ नहीं हो सकती क्योंकि मुख्य धातुओं की डिमांड इतनी नहीं है.
Axis Direct ने यह भी बताया कि सबसे बड़ा बदलाव सोलर फोटोवोल्टिक सेक्टर ने किया है. 2020 में जहां सोलर सेक्टर की चांदी खपत 94.4 मिलियन औंस थी वहीं 2024 में यह आंकड़ा 243.7 मिलियन औंस तक पहुंच गया है. अब अकेले सोलर इंडस्ट्री कुल वैश्विक मांग का 21 प्रतिशत हिस्सा ले रही है.
ग्लोबल मार्केट में भी तेजी
उधर COMEX और लंदन स्पॉट प्राइस के बीच लगातार चल रहे प्रीमियम ने अमेरिका को चांदी खींचने के लिए प्रेरित किया है जिससे लंदन के वॉल्ट्स खाली हो रहे हैं और ग्लोबल मार्केट में चांदी की तरलता और कम हो गई है. COMEX इन्वेंट्री में इजाफा देखा जा रहा है लेकिन यह दूसरे बाज़ारों से खिंच कर आया स्टॉक है.
Axis Direct के टेक्निकल एनालिसिस के मुताबिक चांदी ने एक दशक पुराना बॉटमिंग पैटर्न तोड़ दिया है. अगर यह $67 से ऊपर क्लोज करती है तो यह $76 से $80 की रेंज तक जा सकती है. हालांकि $65 के आसपास थोड़ी रुकावट दिख सकती है.
कब बन सकता है निवेश का मौका?
Axis Direct ने ये भी सलाह दी है कि अगर घरेलू कीमतें ₹1.70 से ₹1.78 लाख के दायरे में गिरें तो उसे निवेश का मौका माना जा सकता है. उनका टारगेट 2026 तक ₹2.40 से ₹2.50 लाख प्रति किलो का है.
विशेषज्ञों की राय में चांदी सिर्फ महंगी नहीं हो रही बल्कि दोबारा मूल्यांकित हो रही है. भौतिक कमी बढ़ती मांग और निवेशक दिलचस्पी के चलते यह रैली टिकाऊ है और अभी इसमें दम बाकी है.
डिस्क्लेमर: ये लेख केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए है. इसमें व्यक्त विचार संबंधित विशेषज्ञों और ब्रोकरेज फर्म्स के हैं. इसे निवेश की सलाह नहीं मानी जानी चाहिए. बाजार की परिस्थितियां तेजी से बदल सकती हैं. निवेश से पहले प्रमाणित वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें.
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