- सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने F&O कॉन्ट्रैक्ट्स की समयसीमा पर फैसले में पूरी पारदर्शिता का आश्वासन दिया.
- उन्होंने कहा कि बाजार पर निगरानी रखी जा रही है और पहले से लागू कदमों का डेटा सार्वजनिक कर दिया गया है.
- उन्होंने बताया कि निवेशकों की सुरक्षा सेबी की प्राथमिकता है.जरूरत पड़ने पर पारदर्शी तरीके से नए कदम उठाएंगे.
एफएंडओ कॉन्ट्रैक्ट्स की समयसीमा (F&O Contracts Expiry) को लेकर चल रही चर्चाओं पर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने कहा है कि अगर कोई भी फैसला लिया जाएगा, तो वह पूरी तरह पारदर्शी होगा और बाजार को किसी तरह का अचानक झटका नहीं दिया जाएगा.
उन्होंने कहा, "हम बाजार पर लगातार नजर रख रहे हैं. पहले भी कुछ जरूरी कदम उठाए गए थे, जिन्हें अब लागू किया जा रहा है और डेटा भी सार्वजनिक किया गया है. अगर आगे कोई फैसला लिया गया, तो उसे बाजार के साथ साझा किया जाएगा."
निवेशकों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता
एफएंडओ वीकली एक्सपायरी (F&O Weekly Expiry) और निवेशकों की सुरक्षा को लेकर सवाल पर तुहिन कांत पांडे ने साफ किया कि सेबी बाजार की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रख रहा है. निवेशकों की सुरक्षा के लिए पहले भी कई कदम उठाए गए हैं और आगे भी जरूरत पड़ी तो हर कदम पारदर्शिता के साथ उठाया जाएगा.
इंडसइंड बैंक की गड़बड़ी पर जवाब
इंडसइंड बैंक से जुड़ी गड़बड़ी के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं कि हर चीज पहले से पता चल जाए, लेकिन हमारे पास ऐसे सिस्टम होने चाहिए जो डेटा के जरिए गड़बड़ी को समय पर पकड़ सकें. इसके लिए मीटिंग्स और रिपोर्ट्स के जरिए लगातार निगरानी की जाती है.
जेन स्ट्रीट और टैक्स डिपार्टमेंट से जुड़ा मामला
जेन स्ट्रीट केस में जानकारी शेयर करने को लेकर पांडे ने कहा कि हर एजेंसी का अपना काम करने का तरीका होता है और जब भी कोई जानकारी मिलती है, तो वो संबंधित एजेंसी के साथ शेयर की जाती है. इससे सभी एजेंसियां अपने-अपने दायरे में कार्रवाई कर पाती हैं.
इससे पहले उन्होंने कहा था कि नए नियम बनाने की जरूरत नहीं है, बल्कि मौजूदा नियमों को और सख्ती से लागू करने की जरूरत है. सेबी के पास सभी जरूरी अधिकार हैं जिससे वो किसी भी धोखाधड़ी या हेरफेर की जांच और कार्रवाई कर सके.