भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ताजा अनुमान में कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था मौजूदा वित्त वर्ष में 6.5 फीसदी की रफ्तार से बढ़ सकती है. ग्लोबल अनिश्चितताओं और ट्रेड वॉर के बीच भी भारत की ग्रोथ स्टोरी मजबूत बनी हुई है. वहीं, आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) ने अमेरिकी कंपनियों से भारत में निवेश बढ़ाने की अपील की है.
उन्होंने भरोसा दिलाया कि भारत आज भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था है और यहां निवेशकों को लॉन्ग टर्म वैल्यू और ग्रोथ के शानदार मौके मिल रहे हैं.
ग्लोबल चुनौतियों के बीच भी भारत मजबूत
संजय मल्होत्रा ने कहा कि जब दुनिया के कई बड़े देश आर्थिक संकट और मंदी की मार झेल रहे हैं, तब भारत एक मजबूत और स्थिर अर्थव्यवस्था के तौर पर उभर रहा है. यही वजह है कि जो निवेशक लॉन्ग टर्म ग्रोथ की तलाश में हैं, उनके लिए भारत एक नेचुरल चॉइस बन गया है.
स्टेबल पॉलिसी और मजबूत डिमांड बनी ताकत
आरबीआई गवर्नर ने यह भी बताया कि भारत की मजबूती का राज नीतिगत स्थिरता, मजबूत घरेलू डिमांड और कम एक्सपोर्ट डिपेंडेंसी है. इसी वजह से भारत पर ग्लोबल मंदी का असर कम पड़ता है.उन्होंने कहा कि भारत का मौद्रिक, वित्तीय और राजनीतिक माहौल निवेशकों के लिए एक सुरक्षित और आकर्षक प्लेटफॉर्म तैयार करता है.
संजय मल्होत्रा ने यह भी स्वीकार किया कि 6.5 फीसदी की ग्रोथ दर हाल के वर्षों से थोड़ी कम है, लेकिन यह भारत के पुराने ट्रेंड के जैसे है और अब भी यह दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा है. उन्होंने कहा कि यह रफ्तार भारत की उम्मीदों से थोड़ी नीचे हो सकती है, लेकिन मौजूदा ग्लोबल हालात को देखते हुए यह काफी मजबूत मानी जा रही है.
निवेश का सुनहरा मौका
संजय मल्होत्रा ने अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान अमेरिकी इंडस्ट्री को भारत में इनोवेशन, सहयोग और निवेश का न्योता दिया.
उन्होंने कहा कि आज भारत के साथ भविष्य को आकार देने का बेहतरीन मौका है और अमेरिकी कंपनियों को इस ग्रोथ जर्नी का हिस्सा बनना चाहिए.उन्होंने कहा कि भारत सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि एक बेहतर ग्लोबल फ्यूचर के लिए काम कर रहा है, और इसमें साझेदारी करने का समय अभी है.