- आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक शुरू हो गई है जिसमें ब्याज दरों में कटौती की संभावना जताई जा रही है.
- इस साल अब तक रेपो रेट में कुल एक प्रतिशत की कटौती हो चुकी है जो फिलहाल 5.50% है.
- एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार महंगाई दर में कमी और जीएसटी सुधार के कारण आरबीआई ब्याज दरों में कटौती कर सकता है.
क्या आप भी सोच रहे हैं कि इस दशहरा-दिवाली के मौके पर आरबीआई (RBI) से कोई तोहफा मिलेगा? दरअसल, आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक आज से शुरू हो गई है. इस बार ब्याज दरों में कटौती (Interest rate Cut) की संभावना जताई जा रही है. अगर ऐसा होता है, तो होम, कार और पर्सनल लोन की ईएमआई में कमी आ सकती है.
फेस्टिवल के समय में अगर आरबीआई ब्याज दर घटाता है तो यह आम आदमी के लिए बड़ा तोहफा होगा. आइए जानते हैं इस बैठक के बारे में और क्या अनुमान जताया जा रहा है ...
इस साल अब तक रेपो रेट में 1% की हुई कटौती
आरबीआई की MPC बैठक में रेपो रेट (RBI repo rate 2025) पर फैसला लिया जाता है. मौजूदा समय में RBI द्वारा बैंकों को दी जाने वाली लोन की ब्याज दर यानी रेपो रेट 5.50% है, जो इस साल की शुरुआत से अब तक 1% कम हो चुका है.जिसमें फरवरी में 0.25 प्रतिशत, अप्रैल में 0.25 प्रतिशत और जून की 0.50 प्रतिशत की कटौती शामिल है.
आरबीआई ने पहले जून में रेपो रेट 0.50 प्रतिशत कम किया था, लेकिन अगस्त में इसे 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रखा. इस बैठक से यह तय होगा कि रेपो रेट में और कटौती (Repo Rate Cuts) की जा सकती है या नहीं.
क्या फिर ब्याज दर घटेगी?
एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता के पटरी पर लौटने के साथ-साथ जीएसटी में सुधार से महंगाई काफी कम हो रही है. यह 2004 के बाद सबसे निचले स्तर तक पहुंच सकती है. ऐसे में आरबीआई के लिए ब्याज दरों में कटौती करना सबसे अच्छा विकल्प माना जा रहा है.
25 बेसिस प्वाइंट की कटौती का अनुमान
एसबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई 25 बेसिस प्वाइंट (0.25%) की कटौती कर सकता है.इसकी वजह कम महंगाई दर और जीएसटी सुधारों के बाद कीमतों में कमी है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर आरबीआई यह कदम नहीं उठाता, तो यह 'Type 2 error' कहलाएगा, यानी मौका गंवाना.
आम आदमी पर क्या होगा इसका असर?
अगर ब्याज दर में कटौती होती है, तो होम, कार और पर्सनल लोन की ईएमआई में कमी आ सकती है. इससे आपके मंथली खर्चों में राहत मिल सकती है और खर्चों को कम करने में मदद मिल सकती है.
क्या दशहरा-दिवाली पर मिलेगा तोहफा?
कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि दशहरा-दिवाली से पहले ब्याज दरों में कटौती हो सकती है, जिससे यह आम जनता के लिए एक तोहफा साबित हो सकता है. हालांकि, यह पूरी तरह से आरबीआई की बैठक के नतीजे पर निर्भर करेगा.