भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) विकास दर को बढ़ावा देने के लिए आने वाले महीनों में रेपो रेट (Repo Rate) में 25-50 आधार अंक (Basis Points) तक की कटौती कर सकता है. इसके अलावा, लिक्विडिटी (Liquidity) को बढ़ाने के लिए भी कई कदम उठाए जा सकते हैं. यह जानकारी सोमवार को एक रिपोर्ट में दी गई.
रेपो रेट में 5.7% तक कटौती संभव: रिपोर्ट
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी में हुई मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट कटौती (Repo Rate Cut) का सिलसिला शुरू हुआ. बैठक के मिनट्स से साफ हुआ कि सभी सदस्यों की राय विकास को समर्थन देने के लिए रेट कट की जरूरत पर एक जैसी थी. रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि आने वाले समय में रेपो रेट को 25-50 बेसिस प्वॉइंट्स घटाकर 5.7% किया जा सकता है.
रेपो रेट घटाने के लिए RBI के पास पर्याप्त मौका
रिपोर्ट में कहा गया कि महंगाई (Inflation) दर पिछले कुछ महीनों में घटी है, जिससे विकास दर (Economic Growth) को मजबूत करने के लिए आरबीआई के पास रेपो रेट में कटौती का पर्याप्त अवसर है. कोटक रिसर्च (Kotak Research) की रिपोर्ट भी इसी ओर इशारा करती है.
फरवरी में पहले ही घट चुका है रेपो रेट
इस महीने की शुरुआत में आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट को 25 बेसिस प्वॉइंट्स कम करके 6.25% कर दिया था. उन्होंने कहा था कि महंगाई में कमी आई है और यह धीरे-धीरे आरबीआई के तय लक्ष्य के अनुरूप आ सकती है.
अगर आगे भी रेपो रेट में कटौती होती है, तो इससे लोन (Loan) लेना सस्ता होगा, जिससे बाजार में कैश फ्लो (Cash Flow) बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.