हर इंसान चाहता है कि उसकी कमाई का पैसा ऐसी जगह लगे जहां वो पूरी तरह सुरक्षित रहे और साथ ही उस पर अच्छा रिटर्न भी मिले. खासकर रिटायरमेंट के बाद जब रेगुलर इनकम की जरूरत होती है, तब हर किसी को एक भरोसेमंद स्कीम की तलाश होती है. ऐसे में पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम लोगों के लिए एक शानदार ऑप्शन है. यह स्कीम न सिर्फ सुरक्षित है बल्कि इसमें हर महीने अच्छी कमाई का इंतजाम भी हो जाता है. तो चलिए जानते हैं इस स्कीम से जुड़ी हर जरूरी डिटेल...
सीनियर सिटीजन ये पोस्ट ऑफिस स्कीम है खास
पोस्ट ऑफिस सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम खास तौर पर बुजुर्ग लोगों के लिए बनाई गई है. इस स्कीम की सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें किया गया निवेश पूरी तरह सुरक्षित होता है क्योंकि इसकी गारंटी खुद सरकार देती है. यही वजह है कि बहुत से लोग बैंक एफडी की बजाय इस स्कीम को चुनते हैं, क्योंकि इसमें ब्याज भी ज्यादा मिलता है और पैसा डूबने का डर भी नहीं रहता.
मिल रहा है 8.2% का तगड़ा ब्याज
सरकार की तरफ से इस स्कीम में 1 जनवरी 2024 से 8.2 प्रतिशत का ब्याज दिया जा रहा है. मौजूदा समय में यह ब्याज दर कई बैंक एफडी से ज्यादा है. यही कारण है कि रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम के लिए यह स्कीम काफी पसंद की जा रही है. ब्याज की रकम सीधे निवेशक के खाते में आती है, जिससे हर तिमाही पैसे की जरूरत पूरी होती रहती है.
हर महीने 20000 रुपये कैसे मिल सकते हैं? समझिए गणित
अगर कोई सीनियर सिटीजन इस स्कीम में करीब 30 लाख रुपये का निवेश करता है, तो 8.2 प्रतिशत ब्याज के हिसाब से उसे साल भर में लगभग 2.46 लाख रुपये का ब्याज मिलता है. जब इस रकम को महीने के हिसाब से देखा जाए, तो यह करीब 20000 रुपये प्रति माह बैठता है. इस तरह घर बैठे नियमित इनकम का एक मजबूत जरिया बन जाता है.
कितने रुपये से शुरू कर सकते हैं निवेश?
इस पोस्ट ऑफिस स्कीम में निवेश की शुरुआत सिर्फ 1000 रुपये से की जा सकती है. इसके बाद 1000 रुपये के मल्टीपल में पैसा जमा किया जाता है. अधिकतम निवेश की सीमा 30 लाख रुपये तय की गई है. यानी जरूरत और क्षमता के हिसाब से इसमें छोटा या बड़ा निवेश दोनों किया जा सकता है.
कौन खोल सकता है SCSS अकाउंट?
इस स्कीम में 60 साल या उससे ज्यादा उम्र का कोई भी व्यक्ति खाता खोल सकता है. पति और पत्नी मिलकर जॉइंट अकाउंट भी खोल सकते हैं. इसके अलावा कुछ खास मामलों में उम्र सीमा में छूट भी दी जाती है. वीआरएस लेने वाले लोग 55 साल की उम्र के बाद निवेश कर सकते हैं, वहीं डिफेंस से रिटायर कर्मचारी 50 साल की उम्र के बाद इस स्कीम का फायदा ले सकते हैं, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें लागू होती हैं.
मैच्योरिटी और अकाउंट बंद करने के नियम
पोस्ट ऑफिस सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम की मैच्योरिटी अवधि 5 साल की होती है. अगर कोई निवेशक पूरा फायदा लेना चाहता है, तो उसे पांच साल तक निवेश बनाए रखना जरूरी होता है. अगर कोई व्यक्ति तय समय से पहले अकाउंट बंद कराता है, तो उसे पेनल्टी देनी पड़ती है. इसलिए निवेश से पहले इन नियमों को समझना जरूरी होता है.
टैक्स में भी मिलता है फायदा
यह स्कीम सिर्फ सुरक्षित निवेश और नियमित इनकम ही नहीं देती, बल्कि टैक्स बचाने में भी मदद करती है. इस स्कीम में किए गए निवेश पर आयकर नियमों के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है. इससे साल के अंत में टैक्स का बोझ भी कुछ हद तक कम हो जाता है.
ब्याज का पैसा कब और कैसे मिलेगा?
इस स्कीम में ब्याज का भुगतान हर तीन महीने में किया जाता है. अप्रैल, जुलाई, अक्टूबर और जनवरी महीने की पहली तारीख को ब्याज की रकम सीधे खाते में आ जाती है. इससे बुजुर्ग लोगों को समय समय पर खर्च के लिए पैसे मिलते रहते हैं.
खाताधारक की मृत्यु होने पर किसे मिलेगी जमा रकम?
अगर मैच्योरिटी से पहले खाताधारक की मृत्यु हो जाती है, तो अकाउंट बंद कर दिया जाता है. इसके बाद जमा की गई पूरी रकम और ब्याज दस्तावेजों में दर्ज नॉमिनी को सौंप दी जाती है. इससे परिवार को किसी तरह की परेशानी नहीं होती.
कहां और कैसे खुलवाएं SCSS अकाउंट?
इस स्कीम का अकाउंट किसी भी नजदीकी पोस्ट ऑफिस में जाकर आसानी से खुलवाया जा सकता है. जरूरी कागज जमा करके कुछ ही समय में अकाउंट ओपन हो जाता है. यही वजह है कि यह स्कीम आज भी लोगों के बीच भरोसे का नाम बनी हुई है.
अगर रिटायरमेंट के बाद सुरक्षित निवेश के साथ हर महीने तय इनकम चाहिए, तो पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम एक बेहतरीन ऑप्शन बन सकती है. सरकारी गारंटी, अच्छा ब्याज, टैक्स फायदा और आसान नियम इसे बुजुर्गों के लिए खास बनाते हैं. यही कारण है कि यह स्कीम आज भी सबसे ज्यादा भरोसेमंद इन्वेस्टमेंट ऑप्शन में गिनी जाती है.














