भारत को 30,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की जरूरत: नीति आयोग

नीति आयोग ने ‘2047 में विकसित भारत के लिए सोच: एक दृष्टिकोण पत्र’ शीर्षक वाले एक पत्र में कहा कि भारत को मध्यम आय के जाल से बचने और इससे बाहर निकलने की दिशा में सावधानी के साथ काम करने की जरूरत है.

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नई दिल्ली:

भारत को 2047 तक 18,000 अमेरिकी डॉलर प्रति व्यक्ति आय के साथ 30,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में प्रयास करने की जरूरत है. वर्ष 2047 में विकसित भारत के लिए दृष्टिकोण पत्र में यह बात कही गई है. नीति आयोग ने ‘2047 में विकसित भारत के लिए सोच: एक दृष्टिकोण पत्र' शीर्षक वाले एक पत्र में कहा कि भारत को मध्यम आय के जाल से बचने और इससे बाहर निकलने की दिशा में सावधानी के साथ काम करने की जरूरत है.

इसके मुताबिक, ‘‘एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए हमें 2047 तक 30,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का प्रयास करना होगा, जिसमें प्रति व्यक्ति आय 18,000 अमेरिकी डॉलर सालाना हो.'' दृष्टिकोण पत्र के मुताबिक, ‘‘सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को आज के 3,360 अरब अमेरिकी डॉलर से नौ गुना और प्रति व्यक्ति आय को आज के 2,392 अमेरिकी डॉलर प्रति वर्ष से आठ गुना बढ़ाना होगा.''

इसमें यह भी कहा गया है कि मध्यम आय से उच्च आय स्तर तक प्रगति करने के लिए 20-30 साल तक 7-10 प्रतिशत की सीमा में लगातार वृद्धि की जरूरत होगी और बहुत कम देश ऐसा करने में सफल रहे हैं. विकसित भारत की अवधारणा को परिभाषित करते हुए इस पत्र में कहा गया है कि यह एक ऐसा भारत होगा, जिसमें एक विकसित देश की सभी विशेषताएं होंगी और जिसकी प्रति व्यक्ति आय आज दुनिया के उच्च आय वाले देशों के बराबर होगी.

यह एक ऐसा भारत होगा, जिसकी सामाजिक, सांस्कृतिक, तकनीकी और संस्थागत विशेषताएं इसे एक समृद्ध विरासत वाले विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करेगी. विश्व बैंक के मुताबिक, जिन देशों की वार्षिक प्रति व्यक्ति आय 14,005 अमेरिकी डॉलर (2023 में) से अधिक है, उन्हें उच्च आय वाले देशों के रूप में परिभाषित किया गया है.

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