Mutual Fund Schemes: म्यूचुअल फंड ने निवेशकों को बड़ी धनराशि जुटाने में काफी मदद की है. यही वजह के निवेशकों का म्यूचुअल फंड में विश्वास बढ़ा है और यह इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है. साल 2020 के बाद से, म्यूचुअल फंड में रिटेल इनफ्लो (Retail inflow) महीने दर महीने लगातार बढ़ रहा है. यह ट्रेंड अगस्त 2024 के दौरान भी देखने को मिला. AMFI के आंकड़ों (AMFI data) के मुताबिक, अगस्त 2024 के दौरान, इक्विटी स्कीम्स में कुल निवेश 38,239 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो जुलाई 2024 में 37,113 करोड़ रुपये से 3.3 फीसदी ज्यादा है.
SIP में निवेश 2350 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जो लगातार 14वें महीने का लाइफटाइम हाई है.
इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीमों ने निवेशकों को शानदार रिटर्न
म्यूचुअल फंड स्कीमों, खास तौर से इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीमों ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है. इंटरनेशनल इक्विटी स्कीम्स को छोड़कर, बाकि सभी इक्विटी म्यूचुअल फंड कैटेगरी में औसत रिटर्न पिछले पांच सालों में करीब 15% CAGR (Compound Annual Growth Rate) से ऊपर रहा है. यह उतना रिटर्न है जिसकी किसी व्यक्ति को 5 सालों में अपने निवेश को दोगुना करने के लिए जरूरत होती है. एक्सपर्ट्स की मानें तो कोई भी निवेश 5 साल में दोगुना हो सकता है, अगर वह 14.87% या उससे ज्यादा के CAGR से बढ़ता है.
5 सालों में आपके पैसे को दोगुना कर सकते हैं ये 10 म्यूचुअल फंड
अगर आप भी म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश (Mutual Funds Investment) करके शानदार रिटर्न पाना चाहतें हैं, तो आज हम आपको इनकी अलग-अलग कैटेगरी के बारे में बताएंगे जिनमें अगले 5 सालों में निवेश की गई राशि को दोगुना करने की संभावना है. फंड चुनते समय ध्यान रखें कि अच्छे रिटर्न के साथ-साथ अपनी पूंजी को सुरक्षित रखना भी उतना ही जरूरी है.
यहां हम आपको उन 10 टाइप के म्यूचुअल फंड (Types of Mutual Fund Schemes) के बारे में बताने जा रहे हैं जो 5 साल में आपके पैसे को दोगुना कर सकते हैं. तो चलिए नजर डालते हैं 10 टाइप के म्यूचुअल फंड्स पर...
1. मल्टी कैप म्यूचुअल फंड (Multi Cap Mutual Funds)
मल्टी कैप म्यूचुअल फंड्स (Multi Cap Mutual Funds) का मकसद, अलग-अलग मार्केट कैप (लार्ज, मिड और स्मॉल कैप) वाली कंपनियों में इन्वेस्ट करना होता है. यह फंड्स अपने पोर्टफोलियो को हमेशा एक तय रेश्यो में बांटकर निवेश करते हैं. जिससे निवेशकों को लगातार बैलेंस्ड और डायवर्सिफाइड इन्वेस्टमेंट का फायदा मिलता है. पिछले 5 सालों में 25% से ज्यादा CAGR एवरेज रिटर्न के साथ, यह कैटेगरी निवेश के लिहाज से काफी अच्छी नजर आती है.
2. फ्लेक्सी कैप फंड (Flexi Cap Funds)
फ्लेक्सी कैप फंड्स (Flexi Cap Mutual Funds) इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की एक पॉपुलर कैटेगरी है. जिसमें फंड मैनेजर को लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियों में किसी भी अनुपात में निवेश करने की आजादी होती है. यह फ्लैक्सिबिलिटी इन फंड्स को मार्केट की स्थिति के मुताबिक अपना पोर्टफोलियो बदलने की सुविधा देती है. जिससे निवेशकों को ज्यादा प्रॉफिट मिलने की उम्मीद रहती है. इस कैटेगरी ने पिछले पांच सालों में लगभग 21% का CAGR दिया है.
3. मल्टी एसेट एलोकेशन फंड (Multi Asset Allocation Funds)
ये हाइब्रिड फंड हैं जिन्हें कम से कम 3 डिफरेंट एसेट क्लास में न्यूनतम 10% निवेश करना होता है. इन फंड्स का मकसद कई एसेट क्लास में मल्टी-एसेट अलोकेशन के जरिए पोर्टफोलियो को बढ़ाना और उसमें डाइवर्सिफिकेशन लाना है. ज्यादातर इक्विटी और हाइब्रिड फंडों की तुलना में मल्टी एसेट एलोकेशन फंड में रिस्क कम होता है. इन फंडों ने पिछले 5 सालों में औसतन 19.2% CAGR (Compound Annual Growth Rate) दिया है.
4. लार्ज कैप फंड (Large Cap Funds)
इक्विटी म्यूचुअल फंड का कोई भी अच्छा पोर्टफोलियो लार्ज कैप फंड के बिना अधूरा है. क्योंकि ये फंड खास तौर पर लार्ज-कैप कंपनियों के स्टॉक में निवेश करते हैं, जिससे निवेशकों के पोर्टफोलियो को एक मजबूती और स्टेबिलिटी मिलती है. इन फंड्स ने पिछले पांच सालों में 19% से ज्यादा का औसत रिटर्न दिया है. जो निवेशक ज्यादा रिस्क लेना नहीं चाहते उनके लिए यह एक अच्छी कैटेगरी है.
5. ELSS फंड (ELSS Funds)
ELSS फंड का कम से कम 80 फीसदी हिस्सा इक्विटी में निवेश किया जाता है. इन फंड का 3 साल का लॉक इन पीरियड होता है. इन फंड्स पर टैक्स सेविंग का फायदा भी मिलता है. पिछले 5 सालों में इस कैटेगरी का औसत रिटर्न 22% रहा है और बेहतर परफॉर्म करने वाले कई ELSS फंड्स ने 28% से ज्यादा का रिटर्न दिया है.
6. निफ्टी इंडेक्स फंड (Nifty Index Funds)
जो निवेशक ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते उनके पास निफ्टी इंडेक्स फंड में निवेश करके पांच सालों में अपना पैसा दोगुना करने का एक अच्छा मौका है. पिछले पांच सालों में इन फंड्स ने 18% का सालाना रिटर्न (annual return) दिया है.
7. सेक्टोरल फंड (Sectoral Funds)
ये इक्विटी-बेस्ड म्यूचुअल फंड एनर्जी, यूटिलिटी, इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे स्पेसिफिक सेक्टर में इन्वेस्ट करते हैं. इन फंड्स का एक बड़ा हिस्सा बैंक और फाइनेंशियल सर्विसेज में निवेश होता है. निजी बैंकों ने हाल के दिनों में खराब प्रदर्शन किया है. जिसके चलते ये फंड मार्केट में आई रैली का पूरा फायदा नहीं उठा पाए. हालांकि, फंड की अर्निंग में काफी बढ़त हुई है. अगले तीन से पांच सालों में इस सेक्टर के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा सकती है.
8. टेक्नोलॉजी म्यूचुअल फंड (Technology Mutual Funds)
इन फंडों ने हाल के दिनों में खराब प्रदर्शन किया है. हालांकि, दुनियाभर में ब्याज दरें कम होने से इस सेक्टर को फायदा होने की उम्मीद है.
9. कॉन्ट्रा फंड (Contra Funds)
ये फंड मौजूदा बाजार रुझानों के खिलाफ निवेश करते हैं और पिछले पांच सालों में Contra Mutual Fund Schemes ने औसतन 27% का सालाना रिटर्न दिया हैं.
10. MNC फंड (MNC Funds)
MNC कंपनियों का कॉर्पोरेट गवर्नेंस (corporate governance) अच्छा है और वो एक कैटेगरी के तौर पर ओवरहीटेड नहीं हैं. इन फंडों ने पिछले पांच सालों में 19% का सालाना रिटर्न दिया है.
(नोट: यह सिर्फ एक समान्य जानकारी है.आप म्यूचुअल फंड स्कीमों में निवेश करने से पहले फाइनेंशियल एडवाइजर या एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें.)