भारत में 1 करोड़ रुपये से महंगे घरों की डिमांड तेजी से बढ़ी, प्रीमियम रियल एस्टेट में 107% की सालाना उछाल

रिपोर्ट के अनुसार, देश की शीर्ष सात शहरों में घरों की बिक्री में बेंगलुरु, मुंबई और पुणे का वर्चस्व रहा है और इन शहरों की कुल बिक्री में हिस्सेदारी 66 प्रतिशत की रही है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Real Estate Investments In India: रिपोर्ट में बताया गया कि जनवरी-मार्च अवधि में घरों की बिक्री में मामूली गिरावट दर्ज की गई है .
नई दिल्ली:

इस साल की पहली तिमाही में एक करोड़ रुपये और उससे अधिक के घरों की मांग में बढ़ोतरी हुई है, जिससे देश में कुल घरों की बिक्री का आंकड़ा 65 हजार से अधिक हो गया है. यह जानकारी गुरुवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई.जेएलएल की रिपोर्ट में बताया गया कि जनवरी-मार्च अवधि में घरों की बिक्री में मामूली गिरावट दर्ज की गई है और कुल 65,246 यूनिट्स की बिक्री हुई है. इस गिरावट के सीमित होने की वजह 3-5 करोड़ रुपये और 1.5-3 करोड़ रुपये के घरों की मांग में बढ़ोतरी होना है.

रिपोर्ट में बताया गया कि अधिक कीमत वाले घरों की मांग में लगातार वृद्धि से घर खरीदने वालों के बीच बढ़ती समृद्धि, बदलती जीवनशैली प्राथमिकताओं और बड़ी एवं प्रीमियम एसेट्स को प्राथमिकता देने का संकेत मिलता है.

बेंगलुरु, मुंबई और पुणे टॉप पर, कुल बिक्री में 66% हिस्सेदारी

रिपोर्ट के अनुसार, देश की शीर्ष सात शहरों में घरों की बिक्री में बेंगलुरु, मुंबई और पुणे का वर्चस्व रहा है और इन शहरों की कुल बिक्री में हिस्सेदारी 66 प्रतिशत की रही है.इन शहरों में बढ़ती बहुराष्ट्रीय कंपनियों और स्टार्टअप्स के कारण रोजगार अवसर पैदा हो रहे हैं और इन्फ्रास्ट्रक्चर में निरंतर सुधार हो रहा है, जिससे ये शहर रहने और काम करने के लिए अधिक आकर्षक स्थान बन रहे हैं.

नए लॉन्च कर रहे हैं एक चौथाई बिक्री में योगदान

बड़ी बात यह है कि पिछली कुछ तिमाहियों में तिमाही बिक्री मात्रा का एक बड़ा हिस्सा उसी तिमाही के दौरान शुरू की गई प्रोजेक्ट्स से आया है.

रिपोर्ट में बताया गया कि 2025 की पहली तिमाही में भी यह ट्रेंड जारी रहा और जनवरी-मार्च के बीच हुए नए लॉन्च ने बिक्री में एक-चौथाई का योगदान दिया. बड़े डेवलपर्स द्वारा समय पर डिलीवरी और स्थिर मूल्य वृद्धि के आश्वासन के साथ किए जा रहे लॉन्च इस ट्रेंड को बढ़ावा दे रहे हैं.

1 करोड़ से सस्ते घरों की डिमांड घटी

जेएलएल के मुख्य अर्थशास्त्री और अनुसंधान एवं आरईआईएस, भारत के प्रमुख डॉ. सामंतक दास ने कहा, "रेजिडेंशियल रियल एस्टेट बाजार में खरीदारों की प्राथमिकताओं में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं, जिसमें 1 करोड़ रुपये से कम कीमत वाले घरों की मांग में कमी और मध्यम से उच्च-स्तरीय संपत्तियों की मांग बढ़ रही है."

डेवलपर्स को मौजूदा मांग पैटर्न के साथ तालमेल बिठाने के लिए मध्यम से उच्च-स्तरीय प्रोजेक्ट्स पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. उच्च-स्तरीय रेजिडेंशियल सेक्टर में लगातार उछाल आया है, जिसमें 1 करोड़ रुपये और उससे अधिक कीमत वाली संपत्तियों के लॉन्च में सालाना आधार पर 107 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो इस सेगमेंट में मजबूत बिक्री के कारण है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Bihar Elections 2025: क्या Osama बचा पाएंगे Shahabuddin का गढ़, Raghunathpur Seat का सियासी मुकाबला
Topics mentioned in this article