भारतीय अर्थव्यवस्था पर इंफ्रा प्रोजेक्ट्स का हो सकता है चार गुना असर: SBI चेयरमैन दिनेश कुमार खारा

एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने ब्याज आय पर टैक्स में राहत देन की वकालत की है. उन्होंने कहा कि इससे बैंकों को बचत जुटाने में मदद मिलेगी जिसका उपयोग दीर्घकालिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के फंडिंग के लिए किया जा सकेगा.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
SBI चेयरमैन को वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 14-15 प्रतिशत ऋण वृद्धि की उम्मीद है.(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा बड़ी परियोजनाओं की घोषणा के एक दिन बाद कहा कि बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का अर्थव्यवस्था पर चार गुना असर पड़ सकता है. NDTV Profit को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में दिनेश कुमार खारा ने ये बातें कहीं.

मोदी 3.0 कैबिनेट मीटिंग में इंफ्रा से जुड़े बड़े फैसले

मोदी सरकार (Modi Government) ने बुधवार को तीसरे कार्यकाल की पहली कैबिनेट मीटिंग (First Cabinet Meeting) में  इंफ्रा से जुड़े बड़े फैसले लिए हैं.इस दौरान महाराष्ट्र में वधावन पोर्ट के 76,200 करोड़ रुपये और गुजरात और तमिलनाडु में 1GW ऑफशोर विंड एनर्जी प्रोजेक्ट्स के लिए 7,400 करोड़ रुपये को मंजूरी दी गई है. इसके साथ ही कैबिनेट ने वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की भी घोषणा की.

दिनेश खारा ने कहा कि ऑफशोर विंड एनर्जी परियोजना से देश के तटों पर उपलब्ध अवसरों को बढ़ाने में मदद मिलेगी. इससे तटीय क्षेत्र को बड़ा लाभ होगा. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में पोर्ट और विंड एनर्जी की भारी मांग है. ये मांग कुछ ऐसी होगी जिससे ये प्रोजेक्ट कमर्शियल तौर पर भी सफल हो पाएंगे.

क्या कहते हैं SBI लेंडिंग बुक के आंकडे

SBI को कॉरपोरेट लेंडिंग बुक में 4.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के लोन को मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि 31 मार्च तक SBI की कुल कॉरपोरेट लोन बुक 11.38 लाख करोड़ रुपये थी. इंफ्रा प्रोजेक्ट्स का लोन बुक 3.94 लाख करोड़ रुपये था, जिसमें बिजली सेक्टर का लोन 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक था, जबकि सड़कों और पोर्ट का लोन 1.12 लाख करोड़ रुपये था.

SBI चेयरमैन ने बजट में ब्याज आय पर टैक्स में राहत पर कही ये बात

एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा नेइससे पहले पीटीआई को दिए इंटरव्यू में ब्याज आय पर टैक्स में राहत देन की वकालत की है. उन्होंने कहा कि इससे बैंकों को बचत जुटाने में मदद मिलेगी जिसका उपयोग दीर्घकालिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के फंडिंग के लिए किया जा सकेगा.

फिलहाल, बैंकों को तब टैक्स काटना पड़ता है जब सभी बैंक शाखाओं में जमा राशि से ब्याज आय एक वर्ष में 40,000 रुपये से अधिक हो. बचत खातों के मामले में, 10,000 रुपये तक अर्जित ब्याज कर से मुक्त है.

Advertisement
दिनेश कुमार खारा ने कहा, “अगर बजट में ब्याज आय पर कर के मामले में कुछ राहत दी जा सके तो यह जमाकर्ताओं के लिए एक प्रोत्साहन होगा. आखिरकार, बैंकिंग क्षेत्र देश में पूंजी निर्माण के लिए जुटाई गई जमा का उपयोग करता है.”

मौजूदा आर्थिक वृद्धि दर को देखते हुए एसबीआई चेयरमैन को वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 14-15 प्रतिशत ऋण वृद्धि की उम्मीद है.
 

Featured Video Of The Day
Justice BV Nagarathna ने सुनाई 2 वकीलों की रोचक कहानी, एक बने राष्ट्रपति तो दूसरे CJI | EXCLUSIVE