भारत में दिसंबर 2024 में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित वार्षिक महंगाई दर बढ़कर 2.37 प्रतिशत हो गई, जो पिछले वर्ष के मुकाबले ज्यादा है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, इस वृद्धि का मुख्य कारण खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों, अन्य निर्माण, वस्त्र निर्माण और गैर-खाद्य सामग्री की कीमतों में इजाफा है.
खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी
नवंबर 2024 के मुकाबले दिसंबर में WPI में 0.38 प्रतिशत की कमी आई. खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति दिसंबर में 8.47 प्रतिशत तक घट गई, जबकि नवंबर में यह 8.63 प्रतिशत थी. सब्जियों की कीमतों में थोड़ा बदलाव हुआ, जबकि आलू की कीमतों में भारी वृद्धि बनी रही और प्याज की महंगाई भी बढ़ी.
प्राथमिक वस्तुओं की कीमतों में गिरावट
दिसंबर में प्राथमिक वस्तुओं में 2.07 प्रतिशत की गिरावट आई, क्योंकि खाद्य सामग्री और क्रूड तेल की कीमतें नीचे आईं. वहीं, ईंधन और ऊर्जा की कीमतों में वृद्धि हुई, विशेष रूप से बिजली और कोयले की कीमतें बढ़ी हैं.
मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की कीमतों में वृद्धि
दिसंबर में मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई दर 2.14 प्रतिशत रही, जो नवंबर में 2 प्रतिशत थी. इसमें विशेष रूप से वस्त्र, धातु उत्पाद और रसायन के मूल्य बढ़े. वहीं, खाद्य उत्पादों और कुछ अन्य निर्माण वस्त्रों की कीमतों में कमी आई.
खुदरा महंगाई चार महीने के निचले स्तर
खुदरा महेगाई के सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य कीमतों में कमी के कारण उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दिसंबर 2024 में चार महीने के निचले स्तर 5.22 प्रतिशत पर आ गई.
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