- भारत में 2047 तक ऑफिस स्टॉक 2 अरब वर्गफुट से अधिक और रियल एस्टेट बाजार 10 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान.
- ग्रेड ए ऑफिस स्टॉक 2010 से तीन गुना बढ़कर वर्तमान में 80 करोड़ वर्ग फुट से अधिक हो गया है.
- भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद में योगदान 6-8 प्रतिशत से बढ़कर 14-20% तक पहुंचने का अनुमान है.
एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 2047 तक मांग में वृद्धि, बढ़ते संस्थागतकरण और मजबूत आर्थिक विकास की संभावनाओं के चलते कुल ऑफिस स्टॉक 2 अरब वर्ग फुट से अधिक होने की संभावना है. साथ ही, रियल एस्टेट सेक्टर बाजार के 2047 तक 10 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. कोलियर्स ने कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) के सहयोग से एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत में 'ग्रेड ए' ऑफिस स्टॉक 2010 से तीन गुना बढ़कर वर्तमान में 80 करोड़ वर्ग फुट से अधिक हो गया है. यह वृद्धि टेक्नोलॉजी, बीएफएसआई, इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) और घरेलू कंपनियों की बढ़ती मांग के कारण हुई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इनकम लेवल में अनुमानित वृद्धि और प्रगतिशील आवास नीतियों के समर्थन से, 2047 तक वार्षिक आवास बिक्री दोगुनी होकर 10 लाख यूनिट हो सकती है.
भारतीय शहरों का तेजी से शहरीकरण हो रहा है. 2050 तक कुल जनसंख्या का 53 प्रतिशत हिस्सा शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोग होंगे, जो कि वर्तमान में 37 प्रतिशत है.
कोलियर्स इंडिया के नेशनल डायरेक्टर और रिसर्च हेड विमल नादर ने कहा, "भारत न केवल अपने इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार कर रहा है; बल्कि शहरी जीवन के भविष्य की पुनर्कल्पना भी कर रहा है."
इस आर्थिक परिवर्तन का मूल कारण रियल एस्टेट क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद में योगदान लगातार बढ़ना है, जो कि 2000 के दशक की शुरुआत में 5 प्रतिशत से बढ़कर आज 6-8 प्रतिशत हो गया है और इसके 14-20 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है.
क्रेडाई के प्रेसिडेंट शेखर पटेल ने कहा, "2047 तक, भारतीय रियल एस्टेट को केवल वर्ग फुट या संपत्ति के मूल्य में नहीं मापा जाएगा, बल्कि यह लाखों नागरिकों के लिए हमारे द्वारा निर्मित जीवन की गुणवत्ता से परिभाषित होगा."