भारत के मीडिया और एंटरटेनमेंट सेक्टर का रेवेन्यू 2024 में 2.5 लाख करोड़ रुपये के पार: FICCI-EY रिपोर्ट

Indian Media & Entertainment Sector Growth:2024 में भारतीय मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के कुछ सेगमेंट ने शानदार प्रदर्शन किया. डिजिटल एडवरटाइजिंग ने 17% की ग्रोथ के साथ 700 अरब रुपये का आंकड़ा छू लिया, जो कुल एडवरटाइजिंग रेवेन्यू का 55% है. डिजिटल सब्सक्रिप्शन में भी 15% की बढ़त देखी गई, जिससे यह 102 अरब रुपये तक पहुंच गया.

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FICCI-EY रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय M&E सेक्टर 2025 में 7.2% की ग्रोथ के साथ 2.7 ट्रिलियन रुपये (31.6 अरब डॉलर) तक पहुंच सकता है. 2027 तक यह 3.1 ट्रिलियन रुपये (36.1 अरब डॉलर) का आंकड़ा छू सकता है.
नई दिल्ली:

भारत का मीडिया और एंटरटेनमेंट (M&E) सेक्टर 2024 में 2.5 लाख करोड़ रुपये (2.5 ट्रिलियन रुपये) के रेवेन्यू तक पहुंच गया. यह पिछले साल की तुलना में 3.3% की बढ़त है. हालांकि, इस दौरान सब्सक्रिप्शन रेवेन्यू में गिरावट और एनीमेशन  और VFX आउटसोर्सिंग में आई सुस्ती जैसी चुनौतियां बनी रहीं. FICCI-EY रिपोर्ट के अनुसार, इस सेक्टर का भारत की जीडीपी में योगदान 0.73% रहा.

डिजिटल मीडिया ने पहली बार टीवी को पछाड़ा

रिपोर्ट के मुताबिक, डिजिटल मीडिया पहली बार टीवी से आगे निकलकर भारत के M&E सेक्टर का सबसे बड़ा हिस्सा बन गया. डिजिटल मीडिया का कुल रेवेन्यू में 32% का योगदान रहा और इसने 17% की ग्रोथ के साथ 802 अरब रुपये का आंकड़ा छू लिया. इससे साफ है कि भारत में लोग तेजी से डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की ओर शिफ्ट हो रहे हैं और उनकी पसंद बदल रही है.

एडवरटाइजिंग रेवेन्यू में 8.1% की बढ़त

2024 में भारतीय M&E सेक्टर के एडवरटाइजिंग रेवेन्यू में 8.1% की बढ़त दर्ज की गई. यह ग्रोथ डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और ई-कॉमर्स साइट्स पर बढ़ते परफॉर्मेंस एडवरटाइजिंग, डिजिटल आउट-ऑफ-होम (OOH) मीडिया की मांग और प्रिंट एंड रेडियो एडवरटाइजिंग के स्थिर बने रहने से आई.

सबसे तेजी से बढ़ने वाले सेक्टर 

2024 में भारतीय मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में डिजिटल मीडिया सबसे तेजी से बढ़ने वाला सेगमेंट रहा. इसने 17% की ग्रोथ दर्ज की, जिससे यह इंडस्ट्री का सबसे बड़ा सेगमेंट बन गया. डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की बढ़ती लोकप्रियता और ऐड की बढ़ती मांग ने इस ग्रोथ को मजबूत किया.लाइव इवेंट्स सेक्टर भी तेजी से बढ़ा, जिसमें 15% की ग्रोथ देखी गई.पहली बार लाइव इवेंट्स का रेवेन्यू 100 अरब रुपये के पार पहुंचा.

वहीं, OOH (Out-of-Home) मीडिया में भी जबरदस्त उछाल आया, जिसमें 10% की ग्रोथ दर्ज की गई. खासतौर पर डिजिटल OOH ने 78% की ग्रोथ हासिल की.

सरकार और इंडस्ट्री लीडर्स की क्या है राय?

महाराष्ट्र सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री अश्विनी शेलार ने कहा, "हम इस रिपोर्ट से बेहतरीन सुझाव लेकर अपने अगले 100 दिनों के कार्यक्रम में इन्हें लागू करने का प्रयास करेंगे."

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FICCI के मीडिया और एंटरटेनमेंट कमेटी के चेयरमैन केविन वाज (Kevin Vaz) ने कहा, "भारत का M&E सेक्टर 2027 तक 3 ट्रिलियन रुपये को पार करने की उम्मीद कर रहा है. यह सेक्टर दुनिया में अपनी पहचान और मजबूत करेगा."

EY इंडिया के मीडिया और एंटरटेनमेंट लीडर आशीष फेरवानी (Ashish Pherwani) ने कहा, "डिजिटल मीडिया के तेजी से बढ़ने के साथ इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव हो रहा है. अब कंटेंट का महत्व सिर्फ मनोरंजन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लोगों की पहचान और जरूरत का भी हिस्सा बन रहा है."

भारतीय M&E सेक्टर 2025 में 2.7 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच की उम्मीद

FICCI-EY रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय M&E सेक्टर 2025 में 7.2% की ग्रोथ के साथ 2.7 ट्रिलियन रुपये (31.6 अरब डॉलर) तक पहुंच सकता है. 2027 तक यह 3.1 ट्रिलियन रुपये (36.1 अरब डॉलर) का आंकड़ा छू सकता है.वहीं, डिजिटल एडवरटाइजिंग 2026 तक 1 ट्रिलियन रुपये के पार पहुंचने वाला पहला M&E सेगमेंट होगा.

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किन-किन सेगमेंट में हुआ फायदा

2024 में भारतीय मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के कुछ सेगमेंट ने शानदार प्रदर्शन किया. डिजिटल एडवरटाइजिंग ने 17% की ग्रोथ के साथ 700 अरब रुपये का आंकड़ा छू लिया, जो कुल एडवरटाइजिंग रेवेन्यू का 55% है. डिजिटल सब्सक्रिप्शन में भी 15% की बढ़त देखी गई, जिससे यह 102 अरब रुपये तक पहुंच गया. पेड वीडियो सब्सक्राइबर्स की संख्या 111 मिलियन तक हो गई.

लाइव इवेंट्स सेगमेंट भी तेजी से बढ़ा, इसमें 15% की ग्रोथ दर्ज की गई और पहली बार इसका रेवेन्यू 100 अरब रुपये के पार चला गया. सरकार और बड़े चुनावी इवेंट्स और इंटरनेशनल कंसर्ट्स की वजह से इस सेगमेंट में रिकॉर्ड बढ़त हुई. OOH (Out-of-Home) मीडिया ने 10% की ग्रोथ दर्ज की, जिसमें डिजिटल OOH मीडिया ने 78% की बढ़त हासिल की और इस पूरे सेगमेंट का 12% योगदान दिया. वहीं, रेडियो इंडस्ट्री 9% की ग्रोथ के साथ 25 अरब रुपये तक पहुंच गई, जिसमें 20% रेवेन्यू इवेंट्स और कंटेंट प्रोडक्शन से आया.

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इन सेगमेंट को झेलना पड़ा नुकसान

कुछ सेगमेंट को इस साल चुनौतियों का सामना करना पड़ा. प्रिंट एडवरटाइजिंग में 1% की मामूली बढ़त हुई, लेकिन सब्सक्रिप्शन रेवेन्यू 1% घट गया. म्यूजिक इंडस्ट्री ने 2% की गिरावट देखी, हालांकि इसके पेड सब्सक्राइबर्स की संख्या 7 मिलियन से बढ़कर 10.5 मिलियन हो गई. ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर को 2% की गिरावट झेलनी पड़ी, जिसका मुख्य कारण 28% GST और अवैध विदेशी साइट्स का असर रहा. फिल्म इंडस्ट्री में भी 5% की गिरावट दर्ज की गई, जो ब्लॉकबस्टर फिल्मों की कमी और OTT/सैटेलाइट राइट्स के घटते मूल्य के कारण हुई.

टेलीविजन सेक्टर की स्थिति भी कमजोर रही, जिसमें एडवरटाइजिंग रेवेन्यू 6% और सब्सक्रिप्शन रेवेन्यू 3% गिरा, क्योंकि लोग फ्री टीवी और कनेक्टेड टीवी की ओर शिफ्ट हो रहे हैं. एनीमेशन और VFX इंडस्ट्री को 9% की गिरावट का सामना करना पड़ा, जिसका कारण ग्लोबल प्रोडक्शन में कमी और ब्रॉडकास्ट एडवरटाइजिंग रेवेन्यू में गिरावट को माना जा रहा है.

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