भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही, 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी की ओर अग्रसर: हरदीप सिंह पुरी

India's Economic Growth: हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने तब से देश ग्यारहवीं सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले देश से निकलकर पांचवीं सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था वाले देश की श्रेणी में पहुंच गया.

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Indian Economy Growth : हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि 2014-24 की अवधि में नौकरियों और रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी एक सराहनीय कदम है
नई दिल्ली:

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी  (Hardeep Singh Puri) ने एसबीआई की तरफ से नौकरियों को लेकर जारी आंकड़े पर गुरुवार को आईएएनएस के साथ खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल के दौरान ही भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में 12.5 करोड़ नौकरियां पैदा हुई हैं. उससे पहले के 10 वर्षों में 2.9 करोड़ नौकरियां पैदा हुईं. उन्होंने आईएएनएस को बताया कि ये आंकड़े भारतीय स्टेट बैंक समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष द्वारा तैयार किए गए हैं. 

उन्होंने उद्यम पोर्टल द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) द्वारा लगभग 20 करोड़ का कुल रोजगार सृजन करने पर भी खुशी व्यक्त की.

भारत 11वीं  से निकलकर 5वीं सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बना
 

हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने तब से देश ग्यारहवीं सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले देश से निकलकर पांचवीं सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था वाले देश की श्रेणी में पहुंच गया. इस दौरान अनेक सुधारों ने अर्थव्यवस्था को विभिन्न प्रकार के बंधनों से मुक्त कर दिया.

2014-24  में नौकरियों और रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी सराहनीय

2004-2014 की अवधि में, यूपीए-1 और यूपीए-2 के तहत दस वर्षों में सिर्फ 8 प्रतिशत की वृद्धि रोजगार सृजन में देखी गई. दूसरी तरफ नीतिगत पंगुता, भ्रष्टाचार और घोटालों ने इस दशक में विकास की रफ्तार धीमी कर दी. उन्होंने कहा कि 2014-24 की अवधि में नौकरियों और रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी एक सराहनीय कदम है और उम्मीद जताई कि अगले कुछ वर्षों में इसी तरह की नौकरियों की संख्या सरकारी फर्मों में भी दिखाई देगी. 

हरदीप पुरी ने  कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है. हम 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं.

स्किल्ड ह्यूमन रिसोर्स की कमी चिंता का विषय

पेट्रोलियम मंत्री ने स्किल्ड लोगों की कमी की तरफ भी ध्यान दिलाया और कहा कि यह चिंता का विषय है कि देश के ऐसे स्किल्ड ह्यूमन रिसोर्स का उपयोग खाड़ी या यूरोपीय देशों की बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उच्च प्रशिक्षित कर्मचारियों में से कई को इन बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा ऑफर किया जाता है, जिससे देश में ऐसे कर्मचारियों की कमी हो जाती है.

उन्होंने एलएंडटी के एक अधिकारी के बयान का हवाला देते हुए कहा कि इस कंपनी के पास लगभग 45,000 कौशल प्राप्त कुशल कामगारों की कमी थी और जिसकी वजह से परियोजनाओं के समय पर पूरा होने में दिक्कत आई.

हरदीप पुरी ने मोदी 2.0 में अपने अनुभव को किया याद

मोदी 2.0 में केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री के रूप में अपने अनुभव को याद करते हुए हरदीप पुरी ने कहा कि वह कौशल प्राप्त कुशल और अर्ध-कुशल श्रमिकों को कैसे बनाए रखा जाए और प्रशिक्षित पेशेवरों के एक नए बैच को कैसे तैयार किया जाए, इसके लिए क्रेडा और अन्य संगठनों से जुड़े रहते थे. उन्होंने  कहा, "जब आप कौशल प्राप्त कुशल श्रम के लिए विज्ञापन करते हैं, तो आपको न्यूनतम आवेदन मिलते हैं, लेकिन अकुशल श्रेणी में लाखों आवेदन होते हैं."
 

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