- भारत अब वैश्विक व्यापार में बहुपक्षीय समझौतों की बजाय द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को अधिक प्राथमिकता दे रहा है.
- केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ताएं प्रगति कर रही हैं.
- भारत सरकार ने हाल के वर्षों में ऑस्ट्रेलिया, यूएई और ब्रिटेन के साथ सफल द्विपक्षीय व्यापार समझौते किए हैं.
US-India Trade Deal: भारत अब वैश्विक व्यापार में बहुपक्षीय के बजाय द्विपक्षीय संबंधों को अधिक प्राथमिकता दे रहा है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ताएं (Trade Talks) अच्छी प्रगति कर रही हैं. उन्होंने एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में ये बात कही. उन्होंने अमेरिका और ब्रिटेन दोनों के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौतों की दिशा में हो रहे विकास पर बातचीत की.
सीतारमण ने कहा, 'मैं ये नहीं कह सकती कि द्विपक्षीय व्यापार अच्छा है या बुरा, लेकिन हम इसमें आगे बढ़ रहे हैं. अमेरिका और यूरोपीय संघ (EU) के साथ बातचीत अच्छी चल रही है.' उन्होंने ये भी साफ किया कि भारत अब बहुपक्षीय समझौतों की बजाय द्विपक्षीय व्यापार को प्राथमिकता दे रहा है.
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि बीते चार-पांच वर्षों में भारत ने ऑस्ट्रेलिया, यूएई और ब्रिटेन के साथ सफलतापूर्वक द्विपक्षीय समझौते किए हैं. अब अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के साथ भी बातचीत सकारात्मक दिशा में जा रही है.
ट्रंप सरकार की टैरिफ नीति और भारत पर असर
दूसरी ओर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि 1 अगस्त से अमेरिका की नई टैरिफ नीति लागू होगी. उन्होंने व्हाइट हाउस में मीडिया से कहा कि उनकी सरकार 1 अगस्त तक ज्यादातर देशों के साथ अपने व्यापार समझौते अंतिम रूप दे देगी. ट्रंप ने यहां तक कहा कि लगभग 200 देशों को टैरिफ दरों की जानकारी देने के लिए पत्र भेजे जाएंगे, जिसका मतलब होगा- 'अब डील पूरी हो गई है, वे जो टैरिफ देंगे, वही एग्रीमेंट होगा.'
भारत-ब्रिटेन के बीच बड़ा व्यापार समझौता
इस बीच भारत ने बीते दिनों ब्रिटैन (UK) के साथ एक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर किए हैं. वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस समझौते को 'गेम-चेंजर' बताया है. उन्होंने कहा कि यह किसानों, व्यापारियों, MSME सेक्टर, युवाओं और मछुआरों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा.
गोयल ने बताया कि भारत की कैबिनेट इस समझौते को पहले ही मंजूरी दे चुकी है और अब यूके की संसद में इसकी पुष्टि होते ही यह समझौता प्रभावी हो जाएगा. उन्होंने कहा कि अब तक भारत ने जितने भी FTA किए हैं, उनमें यह सबसे बड़ा, व्यापक और अहम समझौता है. अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध भारत की रणनीति का अहम हिस्सा बनते जा रहे हैं.