भारत वित्त वर्ष 2025-26 में भी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा: RBI ने जताया भरोसा

RBI Annual Report FY 2025-26 : रिपोर्ट में कहा गया है कि भले ही वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव, जियोपॉलिटिकल टेंशन, ट्रेड डिसरप्शन, और क्लाइमेट चैलेंजेस जैसे कई खतरे बने हुए हैं, लेकिन भारत इनसे निपटने के लिए अच्छी स्थिति में है.

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RBI ने लगातार दो मौकों पर पॉलिसी रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया है. रिपोर्ट के मुताबिक अब इस बात का ज्यादा भरोसा है कि कुल महंगाई 4% के टारगेट के आसपास बनी रहेगी.
नई दिल्ली:

भारतीय रिजर्व बैंक  ने अपनी ताजा वार्षिक रिपोर्ट (RBI  Annual Report) में कहा है कि भारत वित्त वर्ष 2025-26 में भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा. RBI ने भरोसा जताया है कि भारत का मजबूत आर्थिक ढांचा और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता इस रफ्तार को बनाए रखेगा.

देश में महंगाई का माहौल संतुलित,GDP में लगातार ग्रोथ

RBI ने कहा कि इस समय देश में महंगाई का माहौल संतुलित है और GDP में लगातार संतुलित ग्रोथ देखने को मिल रही है. इन हालातों में आने वाले वक्त में मौद्रिक नीति (Monetary Policy) को भी ग्रोथ को सपोर्ट करने लायक बनाए रखना जरूरी है.

ग्लोबल रिस्क के बावजूद भारत मजबूत

रिपोर्ट में कहा गया है कि भले ही वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव, जियोपॉलिटिकल टेंशन, ट्रेड डिसरप्शन, और क्लाइमेट चैलेंजेस जैसे कई खतरे बने हुए हैं, लेकिन भारत इनसे निपटने के लिए अच्छी स्थिति में है.

व्यापार और टैक्स नीति पर असर

RBI का कहना है कि टैक्स नीतियों में बदलाव की वजह से कई बार बाजार में अस्थिरता देखने को मिल सकती है. साथ ही, ट्रेड पॉलिसी में बदलाव और इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट ड्यूटी वॉर से एक्सपोर्ट पर दबाव बन सकता है.हालांकि, भारत द्वारा किए जा रहे नए व्यापार समझौते और बातचीत इस असर को कम करने में मदद कर सकते हैं.

चालू खाता घाटा कंट्रोल में रहेगा

सर्विस सेक्टर से एक्सपोर्ट और प्रवासी भारतीयों द्वारा भेजे जाने वाले पैसे (रेमिटेंस) से भारत की विदेशी कमाई को मदद मिल रही है. RBI ने कहा कि इससे नए वित्त वर्ष में चालू खाता घाटा (Current Account Deficit) को अच्छी तरह कंट्रोल में रखा जा सकेगा.

महंगाई RBI के 4%  टारगेट के आसपास रहने की उम्मीद

RBI ने लगातार दो मौकों पर पॉलिसी रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया है. रिपोर्ट के मुताबिक अब इस बात का ज्यादा भरोसा है कि कुल महंगाई 4% के टारगेट के आसपास बनी रहेगी.

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बैंकों को दी सलाह

रिजर्व बैंक ने बैंकों को भी चेताया है कि उन्हें अब ब्याज दरों में बदलाव से जुड़े जोखिम के लिए तैयार रहना चाहिए. खासतौर पर उस समय जब नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) यानी मुनाफा कम होता नजर आए.

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