भारतीय इकोनॉमी को रफ्तार देने के लिए हाल ही में एक और डील फाइनल हुई है. आप समझ ही गए होंगे, हम बात कर रहे हैं, CEPA यानी भारत और ओमान के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते (Comprehensive Economic Partnership Agreement) की. इस समझौते पर 18 दिसंबर को हस्ताक्षर किए गए थे. कहा जा रहा है कि अगले कुछ महीनों के भीतर ये लागू हो सकता है. वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने साफ किया है कि दोनों देश इस समझौते को जल्द जमीन पर उतारने की दिशा में काम कर रहे हैं.
जानकारों के मुताबिक, भारत-ओमान CEPA सिर्फ एक ट्रेड डील नहीं, बल्कि निर्यात, रोजगार, MSME और एनर्जी सिक्योरिटी को जोड़ने वाला रणनीतिक समझौता है. इसके लागू होते ही भारत के कई शहरों, राज्यों और सेक्टरों को सीधा आर्थिक फायदा मिलने की संभावना है, जबकि ओमान के लिए भारत एक बड़ा और भरोसेमंद व्यापारिक साझेदार बनकर उभरेगा.
कितने दिनों में लागू होगा भारत-ओमान CEPA?
सरकारी संकेतों के मुताबिक, कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रियाएं पूरी होते ही ये समझौता तीन महीने के भीतर प्रभावी हो सकता है. यानी वित्त वर्ष 2025 की शुरुआत में ही भारतीय निर्यातकों को इसके फायदे मिलने की संभावना है.
कितने सामानों पर ड्यूटी-फ्री एक्सेस?
इस CEPA के तहत ओमान ने भारत के लिए बड़ा बाजार खोल दिया है. ओमान ने अपनी 98.08% टैरिफ लाइनों पर शून्य शुल्क (Zero Duty) की पेशकश की है. इससे भारत के 99.38% निर्यात को ओमान में ड्यूटी-फ्री पहुंच मिलेगी. अभी इन उत्पादों पर 5% से 100% तक आयात शुल्क लगता है. बता दें कि वित्त वर्ष 2024-25 में ओमान को भारत का कुल निर्यात 4.1 बिलियन डॉलर रहा था.
किन राज्यों और सेक्टर्स को सबसे ज्यादा फायदा?
इस समझौते से लेबर-फोकस्ड और MSME सेक्टर को सीधा फायदा मिलेगा. खास तौर पर मैन्युफैक्चरिंग और ट्रेड को इस डील से बड़े फायदे होंगे.
- सूरत, गुजरात- रत्न और आभूषण
- पुणे, महाराष्ट्र- इंजीनियरिंग उत्पाद
- तिरुपुर, तमिलनाडु- रेडीमेड कपड़े
- विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश- समुद्री उत्पाद
- मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश- पीतल और धातु हस्तशिल्प
- कानपुर-आगरा, उत्तर प्रदेश्- चमड़े के जूते
- भदोही-मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश- कालीन और होम टेक्सटाइल
- वेल्लोर-अंबूर, तमिलनाडु- फुटवियर
आईटी और सर्विस सेक्टर की बात करें तो कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना के IT और IT-enabled service प्रोफेशनल्स को ओमान में नए अवसर मिलेंगे. यही नहीं, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजनेस, प्रोफेशनल और R&D सेवाओं में निर्यात भी बढ़ेगा.
किसानों और लघु उद्योगों को बढ़ावा कैसे?
CEPA से कृषि निर्यात को भी बड़ा बूस्ट मिलेगा.
- लाइवस्टॉक/मीट- यूपी, पंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार
- अंडे- तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र
- मीठे बिस्कुट- आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब, यूपी
- चीनी कन्फेक्शनरी- कर्नाटक, यूपी, महाराष्ट्र
- शहद- पंजाब, हरियाणा, यूपी, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और उत्तर-पूर्व
किन सामानों को भारत ने संवेदनशील सूची में रखा?
घरेलू किसानों और MSME की सुरक्षा के लिए भारत ने कुछ उत्पादों पर कोई ड्यूटी छूट नहीं दी है. डेयरी और कुछ कृषि उत्पाद जैसे चाय, कॉफी, रबर, तंबाकू को इस लिस्ट में रखा गया है. सोना-चांदी (बुलियन व ज्वैलरी), फुटवियर, खेल सामान और कुछ बेस मेटल स्क्रैप भी इस लिस्ट में शामिल हैं.
टैरिफ रेट कोटा (Tariff Rate Quota)
खजूर, संगमरमर और पेट्रोकेमिकल्स पर कोटा आधारित छूट मिलेगी. खजूर के लिए 2,000 टन सालाना ड्यूटी-फ्री कोटा तय किया गया है. ओमान ने भारतीय कंपनियों को मार्बल ब्लॉक आयात की भी अनुमति दी
भारत और ओमान दोनों को फायदा
इस डील पर बैंक ऑफ बड़ौदा ने डिटेल्ड रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी. रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 25 में ओमान को भारत का निर्यात 4.1 बिलियन डॉलर था, जो कुल निर्यात का लगभग 0.9 फीसदी है और ये पिछले पांच सालों में 12.4% CAGR से बढ़ा है. इसमें कहा गया है कि यह समझौता भारत के तेल आयात बिल को कम करने और भविष्य में ज्यादा विकल्पों की तलाश में मदद करेगा और यह भी बताया गया कि समझौते में बताए गए मुख्य सेक्टर ओमान को भारत के कुल एक्सपोर्ट का लगभग 39 फीसदी के बराबर है.
- MSME-आधारित सेक्टर को नया बाजार मिलेगा
- एनर्जी सिक्योरिटी मजबूत होगी और तेल आयात लागत घट सकती है
- भारत ने ओमान को 77.79% टैरिफ लाइनों पर जीरो-ड्यूटी एक्सेस दिया
- ओमान को भारत के 94.81% इंपोर्ट वैल्यू पर लाभ मिलेगा
रिपोर्ट में कहा गया है, 'यह भारत के कुल एक्सपोर्ट बास्केट के लिए अच्छा है, खास तौर पर ऐसे समय में जब अमेरिका द्वारा ज्यादा टैरिफ रेट के कारण लागत का फायदा उठाने के लिए कुछ एक्सपोर्ट को री-रूट किया जा रहा है.' बैंक ने बताया कि जीरो-ड्यूटी डील वैल्यू के हिसाब से ओमान भारत के 99.38% एक्सपोर्ट को कवर करता है और वैल्यू के हिसाब से ओमान से भारत के 94.81 फीसदी इंपोर्ट को कवर करेगा.














