भारत को 35,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने को 9-10% की वृद्धि दर की जरूरत: अमिताभ कांत

अक्टूबर-दिसंबर, 2023 में भारत की अर्थव्यवस्था उम्मीद से बेहतर 8.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जो पिछले डेढ़ साल का सबसे ऊंचा स्तर है.

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Indian Economy: फिलहाल भारतीय अर्थव्यवस्था 3,600 अरब डॉलर की है.
नई दिल्ली:

भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत को 2047 तक 35,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए अगले तीन दशक में 9-10 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने की जरूरत है. अमिताभ कांत ने कहा कि भारत 2027 तक जापान और जर्मनी को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.उन्होंने एक न्यूज चैनल के सम्मेलन में कहा, “भारत को उच्च दर से वृद्धि करनी चाहिए. भारत को तीन दशक तक हर साल 9-10 प्रतिशत की दर से वृद्धि करनी चाहिए.”

अक्टूबर-दिसंबर, 2023 में भारत की अर्थव्यवस्था उम्मीद से बेहतर 8.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जो पिछले डेढ़ साल का सबसे ऊंचा स्तर है. इससे चालू वित्त वर्ष के वृद्धि दर के अनुमान को 7.6 प्रतिशत तक ले जाने में मदद मिली है.

जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा, “हमारी महत्वाकांक्षा यह होनी चाहिए कि 2047 तक हम न केवल 35,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनें, बल्कि हम प्रति व्यक्ति आय को वर्तमान के 3,000 डॉलर से बढ़ाकर 18,000 डॉलर तक पहुंचाने में सक्षम हों.” फिलहाल भारतीय अर्थव्यवस्था 3,600 अरब डॉलर की है.

अमिताभ कांत ने कहा कि भारत को वृद्धि का चैंपियन बनने के लिए कम से कम 12 राज्यों की जरूरत है, और उन्हें 10 प्रतिशत से अधिक की दर से वृद्धि करनी होगी. उन्होंने कहा कि झारखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार जैसे राज्यों की वृद्धि दर ऊंची होनी चाहिए. “यदि ये राज्य 10 प्रतिशत से अधिक की दर से वृद्धि करें, तो भारत 10 प्रतिशत से अधिक की दर से आगे बढ़ेगा.”

इसके अलावा अमिताभ कांत ने कहा कि लोकसभा चुनावों के बाद भारत को शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण में भारी सुधारों की शुरुआत करनी चाहिए.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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