वैश्विक चुनौतियों के बावजूद जून में भारत का वस्तुओं का निर्यात 2.56 प्रतिशत बढ़कर 35.2 अरब डॉलर हो गया जबकि इस महीने आयात भी बढ़ने से व्यापार घाटा बढ़कर 20.98 अरब डॉलर हो गया. सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, कच्चे तेल, दालों और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की आवक बढ़ने से जून में आयात में लगभग पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 56.18 अरब डॉलर हो गया. निर्यात की तुलना में आयात अधिक बढ़ने से देश का व्यापार घाटा जून में बढ़कर 20.98 अरब डॉलर हो गया. एक साल पहले की समान अवधि में व्यापार घाटा 19.19 अरब डॉलर था.
मई में देश का वस्तु निर्यात 9.1 प्रतिशत बढ़कर 38.13 अरब डॉलर रहा था, जबकि व्यापार घाटा बढ़कर सात महीने के उच्चतम स्तर 23.78 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. कुल मिलाकर, इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में वस्तु निर्यात 5.84 प्रतिशत बढ़कर 109.96 अरब डॉलर हो गया जबकि इसी अवधि में आयात 7.6 प्रतिशत बढ़कर 172.23 अरब डॉलर हो गया. इस तरह अप्रैल-जून, 2024 में व्यापार घाटा पिछले साल की समान अवधि के 56.16 अरब डॉलर की तुलना में बढ़कर 62.26 अरब डॉलर हो गया.
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने इन आंकड़ों पर संवाददाताओं से कहा कि मौजूदा रुझान को देखते हुए देश से वस्तुओं एवं सेवाओं का कुल निर्यात चालू वित्त वर्ष में 800 अरब डॉलर से आगे निकल सकता है. वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में वस्तुओं और सेवाओं का कुल निर्यात लगभग 200 अरब डॉलर रहा है. बर्थवाल ने कहा, ‘‘अगर मौजूदा रुझान जारी रहा तो हम निश्चित रूप से इस वित्त वर्ष में 800 अरब डॉलर से आगे निकल जाएंगे.''
उन्होंने कहा कि मंत्रालय निर्यात को बढ़ावा देने के लिए छह प्रमुख क्षेत्रों (इंजीनियरिंग, कपड़ा और परिधान, इलेक्ट्रॉनिक्स, दवा, रसायन एवं प्लास्टिक और कृषि) और 20 देशों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. आंकड़ों के मुताबिक, जून में कच्चा तेल आयात 19.62 प्रतिशत बढ़कर 15 अरब डॉलर हो गया. वहीं तिमाही के दौरान यह 23 प्रतिशत बढ़कर 51.5 अरब डॉलर हो गया.
हालांकि, जून में सोने का आयात 38.66 प्रतिशत की बड़ी गिरावट के साथ तीन अरब डॉलर रह गया. पहली तिमाही में सोने का आयात 1.91 प्रतिशत घटकर 9.51 अरब डॉलर रहा. आंकड़ों से पता चलता है कि जून में निर्यात की गई सेवाओं का अनुमानित मूल्य 30.27 अरब डॉलर है जबकि जून, 2023 में यह 27.79 अरब डॉलर था. वहीं सेवाओं का आयात एक साल पहले के 15.61 अरब डॉलर से बढ़कर जून में 17.29 अरब डॉलर हो जाने का अनुमान है.
इसके अलावा प्रमुख निर्यात गंतव्यों- अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), मलेशिया, बांग्लादेश, तंजानिया, नीदरलैंड और सिंगापुर को भारत से हुए निर्यात में खासी तेजी देखी गई.
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