भारतीय इकोनॉमी के लिए गुड न्यूज, पटरी पर लौटा कोर सेक्टर, कंस्ट्रक्शन सेक्टर में जबरदस्त बूम

Core Sector Data: सीमेंट और स्टील में उछाल संकेत दे रहा है कि देश भर में बुनियादी ढांचा और निर्माण कार्यो में तेजी आई है, जो आने वाले समय में देश की ग्रोथ को और स्पीड दे सकता है.

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  • नवंबर महीने में भारत के आठ प्रमुख कोर सेक्टर उद्योगों की विकास दर 1.8 प्रतिशत तक बढ़ी है
  • सीमेंट उत्पादन में नवंबर में 14.5 प्रतिशत की तेज बढ़ोतरी हुई जो अक्टूबर के मुकाबले काफी अधिक है
  • स्टील उत्पादन में भी मजबूती आई है और नवंबर में 6.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है
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Core Sector Data: भारतीय अर्थव्यवस्था के बुनियादी ढांचे यानी कोर सेक्टर (Core Sector) के लिए गुड न्यूज आई है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के जारी डेटा अनुसार, अक्टूबर में फ्लैट रहने के बाद, नवंबर महीने में देश के आठ प्रमुख उद्योगों की विकास दर में सुधार हुआ है और यह 1.8% पर पहुंच गई है. नवंबर के आंकड़ों में सबसे ज्यादा चमक सीमेंट सेक्टर में देखने को मिली. कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी में तेजी के चलते सीमेंट प्रोडक्शन में 14.5% की शानदार बढ़ोतरी दर्ज की गई है. पिछले महीने (अक्टूबर) में यह ग्रोथ सिर्फ 5.2% थी.

स्टील, कोयला सेक्टर ने की वापसी

इसके साथ ही स्टील प्रोडक्शन भी मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है, जिसमें नवंबर में 6.1% की ग्रोथ देखी गई. अक्टूबर में कोयला सेक्टर में 8.5% की भारी गिरावट देखी गई थी, लेकिन नवंबर में इसने शानदार वापसी करते हुए 2.1% की पॉजिटिव ग्रोथ दर्ज की है.

फर्टिलाइजर सेक्टर ने दिखाई ताकत

नवंबर में फर्टिलाइजर प्रोडक्शन में 5.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई. यह बढ़त आने वाले रबी सीजन के लिए अहम मानी जा रही है.

कहां रही सुस्ती?

हालांकि, पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादों के उत्पादन में 0.9% की गिरावट आई है. बता दें कि कोर सेक्टर के इंडेक्स में रिफाइनरी प्रोडक्ट्स का वजन सबसे ज्यादा होता है, इसलिए इस सेक्टर में गिरावट का असर कुल आंकड़ों पर भी दिखा.

त्योहारों का असर और IIP पर प्रभाव

अक्टूबर के महीने में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) की ग्रोथ रेट गिरकर 0.4 प्रतिशत रह गई थी. सांख्यिकी मंत्रालय के अनुसार, अक्टूबर में दशहरा, दिवाली और छठ जैसे त्योहारों की वजह से वर्किंग डे कम थे, जिसका असर प्रोडक्शन पर पड़ा.

क्यों अहम हैं ये आंकड़े?

कोर सेक्टर में आठ प्रमुख उद्योग शामिल हैं— कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, स्टील, सीमेंट और बिजली. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में इन उद्योगों की हिस्सेदारी लगभग 40.27% होती है, जिससे यह साफ होता है कि देश की औद्योगिक सेहत सुधर रही है. सीमेंट और स्टील में उछाल संकेत दे रहा है कि देश भर में बुनियादी ढांचा और निर्माण कार्यो में तेजी आई है, जो आने वाले समय में देश की ग्रोथ को और स्पीड दे सकता है.

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