दुनिया के अलग-अलग देशों के बीच चल रहे युद्ध और उथल-पुथल के बीच वैश्विक इकोनॉमी की रफ्तार धीमी बनी हुई है. वहीं, भारतीय इकोनॉमी तेजी से आगे बढ़ रही है. रियल जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) को लेकर ही भारत की तुलना दूसरे देशों से करें तो जून तिमाही में चीन की जीडीपी वृद्धि दर (GDP Growth Rate) 5.2 फीसदी, इंडोनेशिया की 5.2 फीसदी, अमेरिका की 2.1 फीसदी, जापान की 1.2 फीसदी, यूके की 1.2 फीसदी, फ्रांस की 0.7 फीसदी, मेक्सिको की 0 फीसदी और जर्मनी की -0.2 फीसदी रही. वहीं इसी पीरियड के लिए जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत के आंकड़े 7.5 फीसदी के भी पार हैं.
जाने-माने अर्थशास्त्री ने शेयर किया ग्राफ
हार्वर्ड के अर्थशास्त्री जेसन फरमैन की ओर से भू-राजनीतिक रूप से प्रासंगिक अर्थव्यवस्थाओं के 2025 की तीसरी तिमाही में जीडीपी प्रदर्शन को लेकर जानकारी दी गई है. फरमैन की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं के जीडीपी प्रदर्शन का एक ग्राफ साझा किया गया. इस ग्राफ में भारत, रूस, चीन और अमेरिका जैसे देशों के कोरोना महामारी के बाद से जीडीपी प्रदर्शन को दिखाया गया है.
ग्राफ दर्शाता है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में अपना जीडीपी प्रदर्शन जारी रखे हुए है. वहीं, दूसरे प्रतिस्पर्धी जिनमें रूस, अमेरिका, चीन और यूरो एरिया शामिल है, अभी तक कोरोना महामारी के बाद से अपने जीडीपी प्रदर्शन को लेकर कुछ बेहतर नहीं कर पाए हैं.
दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी की राह में भारत
भारत की बात करें तो देश 7.3 ट्रिलियन डॉलर की अनुमानित जीडीपी के साथ 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर अग्रसर है. चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही के लिए जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था अपेक्षा से कहीं अधिक तेज गति सालाना आधार पर 7.8 फीसदी की दर से बढ़ी. इस वृद्धि को बढ़ावा देने में देश के मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन और सर्विस सेक्टर का अहम योगदान रहा. केंद्र के अनुसार, इस ग्रोथ को लेकर निजी निवेश में तेजी, बढ़ते उपभोक्ता विश्वास, वेतन वृद्धि और मजबूत कृषि उत्पादन से बढ़ती ग्रामीण मांग भी महत्वपूर्ण कारक रहे.
हाल ही में जारी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के लेटेस्ट आंकड़े भी भारत के लिए उत्साहजनक दृष्टिकोण पेश करते हैं. आईएमएफ के आंकड़े विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करता है.
भारत की रफ्तार बढ़ेगी, चीन की घटेगी
आईएमएफ के नवीनतम अनुमानों के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था 2026 में 6.6 फीसदी की दर से बढ़ने की अनुमान है, जिससे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच भारत की विकास दर मजबूत बनी रहेगी. इसके विपरीत, इसी अवधि के दौरान चीन की विकास दर धीमी होकर 4.8 फीसदी रहने का अनुमान है. इकोनॉमिस्ट का भी मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था ऐसे समय में बढ़ रही है जब वैश्विक विकास धीमा बना हुआ है.
आईएमएफ की रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए, इन्फोमेरिक्स रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री डॉ. मनोरंजन शर्मा ने कहा, 'आईएमएफ के आंकड़े जारी हो चुके हैं और ये बेहद सकारात्मक और उत्साहजनक हैं.' उनका मानना है कि भारत की इस स्थिर ग्रोथ का श्रेय बढ़ती घरेलू खपत, मैन्युफैक्चरिंग रिवाइवल और सर्विस सेक्टर में मजबूत परफॉर्मेंस को दिया जा सकता है.














